अज्ञेय के निबन्ध ‘संवत्सर’ पर दो टूक टिप्पणी

December 6, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय नीचे अज्ञेय के निबन्ध ‘संवत्सर’ का एक अंश दिया गया है, जिसमे वे ‘अतिरिक्त’ बुद्धिवाद बघारते हुए दिखते हैं। अज्ञेय अपने शब्दजाल मे पाठकवर्ग को ऐसे फँसाते हैं कि वह […]