‘हिन्दूधर्म’ का औचित्य?
आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय का विचारमन्थन ब्रह्मा, विष्णु तथा महेश जब ‘हिन्दू’ नहीं थे तब उनके उपासक ‘हिन्दूवादी’ कहाँ से आ गये? ‘तथ्य’ और ‘तर्क’ सनातन-सन्दर्भ मे सारगर्भित हो तभी ‘उत्तर’ दिया जाये। ‘धर्मान्धता ओढ़ा […]
आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय का विचारमन्थन ब्रह्मा, विष्णु तथा महेश जब ‘हिन्दू’ नहीं थे तब उनके उपासक ‘हिन्दूवादी’ कहाँ से आ गये? ‘तथ्य’ और ‘तर्क’ सनातन-सन्दर्भ मे सारगर्भित हो तभी ‘उत्तर’ दिया जाये। ‘धर्मान्धता ओढ़ा […]
भारतवर्ष समेत विश्व के 15 से अधिक देशों को हिन्दु-राष्ट्र घोषित करने के उद्देश्य से “हिन्दु-राष्ट्र अधिवेशन” एवं सनातन संविधान (हिन्दु-लॉ) पर विधि विशेषज्ञों की वैचारिक संगोष्ठी को सम्बोधित करने के लिए दिनांक 17 मई […]
राघवेन्द्र कुमार त्रिपाठी ‘राघव’– निर्विवाद रूप से ईश्वर एक है। इसी सत्य के आधार पर मनुष्य अपनी संस्कृति, धरती, जाति, भाषा और विश्वास (मान्यता) के अनुसार ईश्वर, भगवान, ख़ुदा, अल्लाह, परमात्मा, गॉड आदि अलग-अलग नामो […]