क्षणिकाएँ : कर समर्पण बस

June 20, 2019 0

कवि राजेश पुरोहित– तू इतना समझ फकत मेरे दोस्त कर समर्पण बस । प्यार राधा जैसा कहाँ जीवन में खुदगर्ज़ हो तुम । चलो सुन्दर वतन हम सब बनाएं आओ साथ चलें । हे दयालु […]