सम्बन्ध-सन्दर्भ में ‘धर्म’ की भाव-प्रवणता
डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ‘धर्मभाई’ का अर्थ है, ‘धारण किया हुआ भाई’। जैसे आपने गुण-दोष को धारण कर लिया है वैसे ही आपने उस ‘भाई’ को भी धारण कर लिया है– मनसा-वाचा-कर्मणा। वह धर्म भाई ‘सगे […]
डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ‘धर्मभाई’ का अर्थ है, ‘धारण किया हुआ भाई’। जैसे आपने गुण-दोष को धारण कर लिया है वैसे ही आपने उस ‘भाई’ को भी धारण कर लिया है– मनसा-वाचा-कर्मणा। वह धर्म भाई ‘सगे […]