सरकारी चरणामृत चाटता बुद्धिजीवी!
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय बेशक,तुम्हारे चिन्तन चुराये हुए हैं।तुम्हारे विचार दिल्ली के आज़ाद मार्केट सेकिलो के भाव लाये हुए कपड़ों-जैसे हैं।किसी कोठे के किराये की कोख से जन्मेवा फिर परखनली में उपजे,तुम्हारे वे शब्द […]