बेबस और लाचार जवानी की सुनो रामकहानी
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय किसी स्थान पर करोड़ों की संख्या मे लोग उपस्थित थे। वहाँ के एक चतुर-चालाक मालदार सेठ ने डुगडुगी पिटवा दी थी– सुनो-सुनो! देश के बेरोज़गार युवक-युवतियो! सरकारी फ़र्मान (‘फ़रमान’ अशुद्ध […]