आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला
■ यदि आपको इसमे से किसी भी प्रकार की अशुद्धि दिखे तो हमारा समुचित मार्गदर्शन करें, स्वागत है।◆ यहाँ वे शब्द हैं, जिनका विश्व-समाज जाने-अनजाने (‘अंजाने’ और ‘अन्जाने’ अशुद्ध हैं।) अशुद्ध और अनुपयुक्त व्यवहार करता […]