डॉ० घनश्याम भारती : एक निष्णात सारस्वत हस्ताक्षर

July 31, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाध पाण्डेय प्रियवर डॉ० घनश्याम भारती जी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गढ़ाकोटा, सागर (मध्यप्रदेश) मे हिन्दीविभागाध्यक्ष और राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय सारस्वत आयोजनों के सूत्रधार हैं। वे मेरे परम प्रिय शिष्य हैं और अध्ययन-अनुशीलन के प्रति […]

साहित्य क्या है?

July 1, 2022 0

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला— जिसमे जड़-चेतन का हित हो; कल्याण हो तथा भला हो, वह ‘साहित्य’ है। साहित्य जीवन का व्याख्याता है। साहित्य के परिशीलन से हृदय का परिष्कार होता है। उसमें प्रकृति […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

June 13, 2022 0

★ ‘कामायनी’ की काव्य-कमनीयता वस्तुत: आज न तो ‘कामायनी’-सदृश कृती कृतिकार हैं और न ही अनुभव करनेवाले पाठक-वर्ग; क्योंकि कविता के नाम पर ‘हृदयजीविता’ के स्थान पर ‘विचारजीविता’ पाली जा रही है। कविता का उद्गम […]

बालकृष्ण भट्ट हिन्दी-साहित्य के प्रथम व्यावहारिक आलोचक थे— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ

July 20, 2021 0

स्वनामधन्य निबन्धकार और पत्रकार पं० बालकृष्ण भट्ट इलाहाबाद में जन्मे, पले, बढ़े तथा अन्तिम श्वास भी यहीं लिया। तब तक वे साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्रों में अपना महत् प्रभाव स्थापित कर चुके थे। भाषाविज्ञानी […]