संस्कृत और हिन्दी के विलक्षण विचक्षण थे, पण्डित प्रभात शास्त्री
पण्डित प्रभात शास्त्री की एक सौ छ:वीँ जन्मतिथि (२७ मई) पर विशेष इलाहाबाद और प्रयागराज पाण्डित्य का पोषण करता आ रहा है। यहाँ एक से बढ़कर विद्वान् की परम्परा रही है, जो वाचन और सर्जन […]
पण्डित प्रभात शास्त्री की एक सौ छ:वीँ जन्मतिथि (२७ मई) पर विशेष इलाहाबाद और प्रयागराज पाण्डित्य का पोषण करता आ रहा है। यहाँ एक से बढ़कर विद्वान् की परम्परा रही है, जो वाचन और सर्जन […]
भारत के विश्वगुरु बनने का सपना साकार होता दिखायी दे रहा है, वहीं यहाँ की मातृभाषा हिन्दी की प्रसिद्धि भी विश्वभर मे फैल रही है। प्रधानमन्त्री मोदी हमेशा हिन्दी का समादर व व्यवहार करते हैं। […]
कवि संगम त्रिपाठी (हिंदी सेवी) : संयुक्त राष्ट्र ने अपने काम काज में हिंदी को शामिल कर लिया है जो कि बहुत ही प्रसन्नता की बात है। हिंदी दुनिया में अपनी पहचान बनाने में कामयाब […]
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ सहित सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हिन्दी में संबोधित करके वैश्विक पटल पर हिन्दी को विशिष्ट मान्यता दिलाने का अतुलनीय कार्य किया है । केंद्रीय कोयला ,खान और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने आज नई दिल्ली में कोयला मंत्रालय की हिन्दीसलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। श्री जोशी ने कहा कि आम जन की भाषा के रूप में हिन्दी ने स्वतंत्रता आंदोलन और देश को स्वाधीन कराने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर कोयला मंत्रालय और उसके अधीन सभी इकाइयां अपने कामकाज में हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं । मंत्रालय की हिन्दी सलाहकार समिति की बैठक में उपस्थित सदस्यों ने सुझाव दिया कि हिन्दी में कामकाज को बढ़ावा देने के लिए हिन्दी सलाहकार समिति की बैठकें नियमित अंतराल पर आयोजित की जाना बेहतर होगा, जिससे मंत्रालय और कोल इंडिया लिमिटेड सहित उसकी अन्य इकाइयों में हिन्दी के अनुगामी प्रयोग को नई रफ्तार मिलेगी । बैठक की शुरुआत में कोयला मंत्रालय के सचिव डॉ अनिल कुमार जैन ने हिन्दी सलाहकार समिति के अध्यक्ष, और सदस्यों का स्वागत करते हुए समिति के सुझावों पर मंत्रालय के हिन्दी के कामकाज में हुई प्रगति के बारे में बताया । बैठक में कोयला मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे ।
कवि राजेश पुरोहित, भवानीमंडी हिन्दी आन है हमारी शान है। हिन्दी हम सबकी पहचान है।। हिन्दी में गीता और कुरान है। हिन्दी ही हम सबकी जान है।। हिन्दी का रखना हमें ध्यान है। हिन्दी में […]
‘मुक्त मीडिया’ का ‘आज’ का सम्पादकीय आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय— ”अक़्ल का अन्धा” हमारे देश में बहुविध चरितार्थ हो रहा है और उसे वह सरकार कर रही है, जो भेड़-चाल चल रही देश की अधिकतर […]
आज (१ अगस्त) भारतरत्न पुरुषोत्तमदास टण्डन जी की जन्मतिथि है। — आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय राजर्षि पुरुषोत्तमदास टण्डन जी एक कुशल वक्ता, अभिभाषक, विधिज्ञ, स्वाधीनता-संग्रामसेनानी, साहित्यकार, पत्रकार, सन्त राजनेता तथा विदेह-जैसे वीतरागी महामानव थे। वे […]
यहाँ उन शब्दों के प्रयोग के लिए अनुरोध किया गया है, जो शुद्ध हैं और उपयुक्त भी। कृपया अपने लेखन में उन शुद्ध शब्दों को स्थान देकर, समाज का भाषिक मार्गदर्शन करें। ★ ‘प्रावधान’ के […]
दो भ्राता— अनुज पं० विष्णुप्रकाश त्रिपाठी (राष्ट्रीय सम्पादक– ‘दैनिक जागरण’), नोएडा और अग्रज आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय (भाषाविद् और समीक्षक), प्रयागराज अपनी मातृभाषा ‘भारत की भाल-बिन्दी— हिन्दी’ और उसकी लिपि ‘देवनागरी’ को उसकी शुचिता के […]
● ‘कमल की कलम’ का प्रतीक-चिन्ह विमोचित भवानीमंडी:- भाषाविद एवं वैयाकरण कमलेश कमल हिन्दी जगत में किसी परिचय के मोहताज़ नहीं है। पुलिस विभाग में डिप्टी कमान्डेंट के पद पर आसीन व ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ […]
डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय समग्र भारत का परिधान है हिन्दी, राष्ट्रीय आन-बान औ’ शान है हिन्दी। भाषाओं में है शीर्ष स्थान पर स्थित, जीवन-मरण का आख्यान है हिन्दी। आओ! करें नमन अपनी मातृभाषा को, हमारे आचरण […]
डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय समग्र भारत का परिधान है हिन्दी, राष्ट्रीय आन-बान औ’ शान है हिन्दी। भाषाओं में है शीर्ष स्थान पर स्थित, जीवन-मरण का आख्यान है हिन्दी। आओ! करें नमन अपनी राजभाषा को, हमारे आचरण […]
जगन्नाथ शुक्ल, इलाहाबाद- वर्ण की अँधेरी खोह में , नित भाव प्रसून उगाता हूँ। भाव, वर्ण के समन्वय से, मैं शब्द नए पिरोता हूँ ।। शब्द जोड़ जोड़कर , कविता रसधार बहाता हूँ। हिन्दी माता […]
डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय हिन्दी के नाम पर, हिंगलिश की मंडी है | सिखाता शुद्ध हिन्दी, तो कहते घमंडी है | मगर मैं तो कहता, वे सारे पाखंडी हैं | पल में झुलसने वाली गोबर की […]
डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय आत्मीय मित्रवृन्द! हमारे महान् साहित्यकार, समीक्षक, कवि-कवयित्री, शायर आदिक बहुत गर्व के साथ मंचों के माध्यम से कहते हैं :—– ० मैंने अभी-अभी एक ताज़ी कहानी लिखी है। ० मैं एक ताज़ी […]