हे संध्या रुको

September 21, 2022 0

हे संध्या ! रुको !थोड़ा धीरे – धीरे जानाइतनी जल्दी भी क्या है ?लौट आने दो!उन्हें अपने घरों में,जो सुबह से निकले हैंदो वक्त रोटी की तलाश में, मैं बैठी हूं अकेली,ना सखियाँ, ना कोई […]