चिन्तन : प्रेरणा, तू क्यों दुष्प्रेरित हुई ?

September 5, 2019 0

प्रेरणा नम्रतामयी होती है । मूढ़मतियों को जागरण के सोपानों पर चढ़ने की उपादेशना है । यह ऐषणाओं को दृष्टाभाव नहीं कर्ताभाव की ओर लक्षित करती है। प्रेरणा अवकाशभोगी दार्शनिक नहीं, पार्थिव काया-माया की जटिल […]

शब्द-चिन्तन

June 4, 2019 0

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय- शब्द परा है तो अपरा भी; शब्द ज्योति है तो तिमिर भी; शब्द स्थूल है तो सूक्ष्म भी; शब्द नूतन है तो पुरातन भी; शब्द रुदन है तो हास भी; शब्द सौम्य […]