भक्तों को उनके भगवान् भी न बचा सके!
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय १९ अगस्त को “आ बैल! मार मुझे” की कहावत चरितार्थ होती दिखी; और वह भी ‘भगवान्’ के दरबार मे। इसके लिए पूरी तरह से राज्य-शासन और ज़िला-प्रशासन उत्तरदायी है। जब […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय १९ अगस्त को “आ बैल! मार मुझे” की कहावत चरितार्थ होती दिखी; और वह भी ‘भगवान्’ के दरबार मे। इसके लिए पूरी तरह से राज्य-शासन और ज़िला-प्रशासन उत्तरदायी है। जब […]
—-सन्त समीर (प्राकृतिकचिकित्सा विशेषज्ञ व वरिष्ठ पत्रकार) ओमिक्रॉन से जिन्हें आतङ्कित रहना हो, रहें, हमारे जैसे लोग के लिए इसका कुछ ख़ास अर्थ नहीं है। असल तो यह कि भारत में स्वाभाविक सङ्क्रमण जितना हो […]
रामू बाजपेयी– ठेहापुर (हरदोई)- हरदोई जिले के ग्राम ठेहापुर में चल रही देवी भागवत कथा के अष्ठम दिवस पर शनिवार को रामनवमी के असवर पर श्री राम जन्म की कथा सुनाई । जिसे सुनकर वहाँ […]
ग्राम पूरा बहादुर में हो रही श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिवस कथा सुनाते हुए परम श्रद्धेय आचार्य विमलेश दीक्षित महाराज ने बताया कि जीव की भक्ति जब सुदृढ़ हो जाती है। तो भगवान को दर्शन […]