जिसका हृदय विशाल है वह है ‘ठाकुर’
पापा बताते थे कि दो-तीन पीढ़ी पहले उनके पूर्वज जमींदार थे। बैसवारा के बरी, बरवलिया और दहिरापुर तीन गांवों में उनकी जमींदारी चलती थी ।1950 के दशक में जमींदारी उन्मूलन कानून आया। जो जमींदार होशियार […]
पापा बताते थे कि दो-तीन पीढ़ी पहले उनके पूर्वज जमींदार थे। बैसवारा के बरी, बरवलिया और दहिरापुर तीन गांवों में उनकी जमींदारी चलती थी ।1950 के दशक में जमींदारी उन्मूलन कानून आया। जो जमींदार होशियार […]
● खूनी संघर्ष में किसी का सिर फूटा तो किसी के हाथ की उंगली टूटी कौशाम्बी : पूरामुफ्ती थाना क्षेत्र के एक गांव में किसी बात को लेकर दो पक्ष आपस में भिड़ गए हैं […]