आवरण पृष्ठ के अनावरण के साथ आयोजित हुआ साहित्यिक ‘कविताई’ कार्यक्रम
“मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगरलोग साथ आते गये और कारवाँ बनता गया।”मजरूह सुल्तानपुरी का यह शेर ‘हिन्दी में’ संस्था द्वारा आयोजित कविता यात्रा का कार्यक्रम ‘कविताई’ पर सटीक बैठता है। शुक्रवार की शाम […]