देश की विकृत राजनीति में बदलाव की ज़रूरत
— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय अब देश में जिस तरह की राजनीतिक प्रवृत्तियों का उदय हो रहा है, उससे ‘लोकतन्त्र’ की अस्तित्व और अस्मिता संकट में दिख रही है। ऐसे में, ‘निर्वाचन आयोग’, ‘राष्ट्रपति’, ‘उच्चतम […]
— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय अब देश में जिस तरह की राजनीतिक प्रवृत्तियों का उदय हो रहा है, उससे ‘लोकतन्त्र’ की अस्तित्व और अस्मिता संकट में दिख रही है। ऐसे में, ‘निर्वाचन आयोग’, ‘राष्ट्रपति’, ‘उच्चतम […]