रंगे सियारों से सारी उम्मीदें बेमानी हैं
राघवेन्द्र कुमार “राघव” राजनीति के रंगे सियारों सेसारी उम्मीदें बेमानी हैं। सत्ता लोलुपता के कारणमर गया आँख का पानी है। भीतर विद्रोही मार रहेबाहर आतंकी काट रहे। लेकिन हम हैं बेशर्म बड़ेराजनीति ही हाँक रहे। […]