धरती की पीड़ा

May 11, 2022 0

जगन्नाथ शुक्ल, इलाहाबाद- हे कविते! सुन लो करुण पुकार, अचला धोती दृग निज अश्रुधार। माँ हूँ मैं यह कहते दानव मानव, नित करते फिर क्यों बंटाधार ? कविते! कविते! हे! कविते , मैं देती नित […]

वैदिक विज्ञान में पृथ्वी की महत्ता

April 22, 2019 0

द्यौर्मे पिता जनिता नाभिरत्र बन्धुर्मे माता पृथिवी महीयम्। (ऋग्वेद1:164/33) और माता भूमिः पुत्रो अहं पृथिव्याः (अथर्ववेद 12:1:12) ऊपर लिखे दोनों ही मंत्र पृथ्वी की वैदिक विज्ञान में महत्ता को निरूपित करते हैं । हमारे पास […]

मृत्तिका निर्मित दिये से है अमावस काँपती

November 4, 2018 0

राघवेन्द्र कुमार “राघव”- मृत्तिका निर्मित दिये से है अमावस काँपती । जलते हुए नन्हें दिये से डरकर निशा है भागती ।   दीपक देह की अभिव्यंजना से                 […]