डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला में जायसी का ‘पद्मावत’ : एक अनुशीलन
‘पद्मावत’ महाकाव्य भारतीय परिभाषा के अन्तर्गत नहीं आता। उसे एक बृहद् खण्ड काव्य कहा जा सकता है। ऐसा इसलिए कि उसमें कथा की धारा सर्गों में विभाजित न होकर, अविच्छिन्न रूप में प्रवहमान है, उसे […]