सत्य के प्रति प्रेम
प्रश्न-जो मीरा और अर्जुन ने कृष्ण से प्रेम किया, शबरी और भरत ने राम से प्रेम किया, क्या वह प्रेम सत्य के प्रति प्रेम नहीं था…? उत्तर-धूर्त लोग जीवित सदगुरु की भक्ति से डरते हैं।मृत […]
प्रश्न-जो मीरा और अर्जुन ने कृष्ण से प्रेम किया, शबरी और भरत ने राम से प्रेम किया, क्या वह प्रेम सत्य के प्रति प्रेम नहीं था…? उत्तर-धूर्त लोग जीवित सदगुरु की भक्ति से डरते हैं।मृत […]
प्रेरक माया ही प्रेम है।प्रेरक वृत्ति ही प्रेम है।प्रेरक भाव ही प्रेम है।प्रेरक शक्ति ही प्रेम है।प्रेरक प्रकृति ही प्रेम है।प्रेरक संस्कृति ही प्रेम है।प्रेरक गुण संस्कार स्वभाव ही प्रेम है।प्राण की सक्रियता ही प्रेम […]
प्रश्न:-“जब किसी के साथ उम्र भर का रिश्ता निभाना हो तो अपने दिल में एक कब्रिस्तान बना लो जहां उसकी गलतियों को दफन कर सको!”क्या उपरोक्त कथन सही है…? उत्तर:-कब्रिस्तान किसी गलती को समाप्त नहीं […]
प्रेम तुम्हारी धन्यता का अनुभव है।जिसे भी अपने हृदय में प्रेम की अनुभूति होती है, उसका जीवन धन्य हो जाता है। प्रेम का अनुभव ही पहली बार मानव जीवन के महत्त्व को व्यक्त करता है। […]
प्रेम जब भी होता है एकतरफा ही होता है।दूसरों से अपने लिए प्रेम की आशा केवल मूर्ख को होती है बुद्धिमान को नहीं। प्रेम तो हृदय के विकास का परिणाम है। मांगने या देने की […]
प्रश्न:- स्त्री का प्रेम में पहल करना ओशो ने आक्रामक कहा है। क्या ये ठीक कह रहे हैं? उत्तर:- प्रेम आक्रामक नहीं होता।प्रेमनिवेदन आक्रमण नहीं आमंत्रण है।स्त्री का तो पूरा अस्तित्व ही आमंत्रण है।कहीं भी […]
हरदोई– हरपालपुर क्षेत्र मे इश्क़ मे गिरफ़्तार एक युवती ने फांसी लगाकर जीवन लीला समाप्त कर ली। कहा जा रहा है कि प्रेमी व उसके स्वजन की गालीगलौज व धमकियों से आहत होकर घर के […]
मित्रता पाने की नहीं करने की चीज है।प्रेम तो मैत्री से भी ऊंचा है।प्रेम बाहर से नहीं मिलेगा।प्रेम तो प्रत्येक को अपने भीतर जगाना होता है वह भी अपने से अधिक श्रेष्ठ व्यक्ति के प्रति।निकृष्टों […]
प्रेम तो किसी से कोई आशा नहीं करता, प्रेम किसी को पीड़ा नहीं देता, फिर क्यो प्रेम को लोग स्वीकार नहीं कर पाते, जबकि प्रेम सबको स्वीकार करता है..? उत्तर- प्रेम जब किसी से कोई […]
प्रेम ही संवेदना है।प्रेम ही साहस है।।प्रेम ही श्रद्धा है।प्रेम ही सद्वृत्ति है।।प्रेम ही सद्भाव है।प्रेम ही संबंध है।।प्रेम ही मैत्री है।प्रेम ही प्रवृत्ति है।।प्रेम ही सहकार है।प्रेम ही स्वीकार है।।प्रेम ही सहजीविता है।प्रेम ही […]
प्रेम के बिना तुम कभी सुखी नहीं हो सकते।प्रेम ही तुम्हारे दुःखों-दर्दों की एकमात्र अचूक दवा है। यदि तुम इस विराट संसार में किसी एक सद्व्यक्ति से भी प्रेम करते हो तो समझ लो कि […]
सर्वस्व समर्पित हुए बिना किसी का प्रेम पूर्ण नहीं होता।जब तन मन प्राण आत्मा से पूर्णतः समर्पित होकर मनुष्य अपने इष्ट में स्थित होता है तभी वह अपने स्वाभिमान से मुक्त होकर इष्ट ही हो […]
दूसरे से जुड़ने और उसकी महिमा में खो जाने की इच्छा ही प्रेम है।इससे ही संवेदना जागती है, सरलता और विनम्रता आती है। दूसरे को स्वीकार करवाती है यह प्रेम की तड़प।दूसरे के संपर्क से […]
प्रेम उम्र नहींएहसास देखता है।प्रेम लगाव नहींतड़प देखता है।प्रेम मुस्कुराहट नहींआंखों में बहतेअश़्क देखता है।प्रेम हमउम्र नहींहमराही देखता है।प्रेम बहस नहींझुकाव देखता है।प्रेम बहता हुआ पानी नहींजलती हुई आग देखता है।प्रेम ह्रदय का रूप नहींचेहरे […]
पवन कश्यप (युवा गीतकार, हरदोई)- आपके दिल में क्या है बता दीजिये, क्या भरोसा है कल मै रहूं न रहूं। जिन्दगी एक उड़ती पतंग बन गई, थाम लो डोर तुम फिर मिलूं न मिलूं ।। […]
राघवेन्द्र कुमार ‘राघव’- माँ के लिए नहीं कभी दो सौ रूपये की साड़ी, लेकिन वैलेंटाइनडे पर पाँच सौ रूपये का गुलाब । भौतिक तृष्णाओं का ये सजीला गुलदस्ता है, आजकल के प्रेम का है अपना ही […]
कौशाम्बी। मंझनपुर थाना क्षेत्र चौकी समशाबाद के एक गांव में पड़ोसी युवक नाबालिग किशोरी को प्रेम जाल में फंसा कर मंगलवार बीती रात अपने साथ लेकर फरार हो गया । घटना की सूचना परिजनों ने […]
● दोहरे हत्याकांड का चौबीस घंटे में खुलासा कर जीजा साली को पुलिस ने भेजा जेल कौशांबी : सैनी कोतवाली क्षेत्र के सिराथू कस्बे में विधायक निवास से चंद कदम की दूरी पर मंगलवार को […]
सुलेखा सुमन (भागलपुर, बिहार) : प्रेम व्यक्ति की भावनाओं कागहरा सागर है ।जिसमे डूबकर मनुष्यसच्चाई की मार्ग पर चलता है।जिसकी व्याख्या करना असम्भव हैवो है प्रेम।प्रेम वो सत्य है, जो सब कुछ असत्य होने का […]
शिवांकित तिवारी ‘शिवा’ (युवा कवि एवं लेखक), सतना (मध्यप्रदेश) संपर्क:- 7509552096 अजब सा नशा छाया है और खुमार हुआ है मुझे, लो अब मैं चीख़कर कहता हूं प्यार हुआ है मुझे, रात भर अब […]
हरदोई- लव सेक्स और धोखा की एक कहानी सामने आई है।बिजली विभाग में तैनात एक कर्मचारी के प्यार में फंसकर युवती घर छोड़कर प्रेमी के किराए के लिए कमरे पर […]
डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय- एक —–पाप-बोध—- पाप का कण-कण मेरी जिह्वा से टकराता है और ले जाता है– एक ऐसे गह्वर में, जहाँ पुण्य का प्रताप आन्दोलित हो रहा है और मेरा पाप सिर चढ़ कर […]
सङ्गीत सौरभ- आज आप सब लोगों के साथ में एक घटना का ज़िक्र करने जा रहा हूँ, जिसका मेरे मन के अन्तर्पटल पर अब तक प्रभाव है। पांच महीने पहले हुई घटना बताने जा रहा […]
-पहले प्यार का इजहार कर साथ जीने मरने की खाई कसम । -प्रेमिका हुई गर्भवती तो छोड़कर भागा प्रेमी । -प्रेमी से ठुकराई प्रेमिका पहुंची एएसपी के पास । -दगेबाज प्रेमी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज […]
टड़ियावां-प्रेमिका से विछड़ने एवं उसकी शादी कहीं अन्यत्र हो जाने से आहत प्रेमी युवक ने नदी में डूबकर आत्महत्या कर ली।परिजनों ने पुलिस को सूचना दिए […]
अनुराग-आसक्ति :— आइए! पहले ‘अनुराग’ शब्द की व्युत्पत्ति को समझें :— यह संस्कृत का पुल्लिंग-शब्द है। इसमें ‘अनु’ उपसर्ग है और ‘रञ्ज्’ धातु में ‘घञ्’ प्रत्यय प्रयुक्त कर, ‘राग’ का सर्जन किया गया है। रञ्ज् […]
उच्चतम न्यायालय ने कल कहा कि केरल के कथित लव जिहाद मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) जांच जारी रख सकती है । लेकिन याद रहे कि हादिया और शफ़ीन या किसी पुरूष और स्त्री […]
डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय कभी नौकरी को ‘नौकरी’ की तरह से की ही नहीं। वैसे भी कोई इतना मज़बूत खूँटा किसी के पास था भी नहीं कि कोई बाँध सकता। पगहा तुराकर भाग खड़ा होता था। […]
डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय- आइए जनाब! मैं प्यार बेचता हूँ। किसिम-किसिम का प्यार तरह-तरह का प्यार भाँति-भाँति का प्यार नाना प्रकार का प्यार विविध प्रकार का प्यार। आप प्यार, आम प्यार, ख़ास प्यार मर्दाना प्यार, जनाना […]
सौन्दर्या नसीम- ख़बर सुन रही हूँ कि तीन दहशतगर्द हिंदुस्तान में घुस आए हैं, जो अफ़ग़ानिस्तान की ज़मीन से वास्ता रखते है और मेरी तरह पश्तो ज़बान बोलते हैं। पाकिस्तान में उन्हें ट्रेनिंग दी गई […]
15 दिसम्बर को सुरसा थाना क्षेत्र के गहरुई में हुई बघौली थाना क्षेत्र के सहोरिया बुजुर्ग निवासी दीपू पुत्र राजाराम की हत्या का पुलिस ने खुलासा करते […]
सुरसा थाना क्षेत्र के एक गाँव निवासी एक युवती अपने प्रेमी के साथ आपत्तिजनक हालत में पकड़ी गयी । लोगों ने मामले में दोनों को डांट डपट कर हिदायत […]
जगन्नाथ शुक्ल, इलाहाबाद- कहीं लग न जाए मेरे कलेजे के टुकड़े को ठण्ड, यह सोच माँ के कलेजे में बर्फ सी जम जाती है। धूप से न झुलस जाए मेरे मासूम […]
जगन्नाथ शुक्ल, इलाहाबाद (उ०प्र०) हे! मातृशक्ति है नमन तुम्हें, ये मेरा जीवन है दान तुम्हारा। है शत् शत् वन्दन मातु तुम्हें, स्नेह,कान्ति और मान तुम्हारा। हे!सहनशक्ति की प्रतिमूर्ति मातु, अद्भुत शक्ति सम्मान हमारा। जीवनदर्शन की […]
डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय क्लान्त-विश्रान्त एकाकी पथिक के कर्ण-कुहरों में अनुगूँजित स्वर-माधुर्य उसे साथ ले निसर्ग-पथ पर गतिमान् है | मोक्ष की अभीप्सा में इहलोक-परलोक की अन्तर्यात्रा गन्तव्य की अवधारणा के साथ संपृक्त होती संलक्षित हो […]
राहुल पाण्डेय ‘अविचल’- लेशमात्र भी खुशियाँ नहीं हृदय में मेरे हैं दीपों के इस पर्व से मुझको तनिक भी प्यार नहीँ ; मीत हमारा साथ छोड़ क्यों चला गया ? कैसे बताऊँ किस तरह जिया […]
सौरभ कुमार पटेल (संगीतकार)- मैं तुझे शाम को रोज़ मिलता रहूँ, तू मुझे शाम को रोज़ मिलती रहे। ज़िन्दगी मेरी चाहत की मोहताज़ है, तेरी चाहत मुझे रोज़ मिलती रहे।। फूल खिलते रहें खुशबू आती […]
जगन्नाथ शुक्ल, इलाहाबाद- दीपावली की स्निग्धिता में, नव दीप फिर से जल उठे। आशा और विश्वास के , नव पुष्प फिर से खिल उठे।। चहुँओर ओर हैं दुश्वारियाँ, जीवन में हैं कठिनाइयाँ। अंधकार और प्रकाश […]
अभिरंजन कुमार (अरवल, बिहार)- सुनो, तुम चाहें जितना प्रयास कर लो मैं तुम्हारे घर से बाहर नहीं जाने वाला । मैं यहां हूँ तो यहीं रहूंगा । तुम्हारी छाती पर ही कुंडली मार कर बैठूंगा […]
डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय कोई कट गया उनकी नज़रों से, परदा हट गया उनकी नज़रों से | झुकीं निगाहें क़हर बरपाती रहीं, मन फट गया उनकी नज़रों से | ग़ैरों में शामिल थे और अपनों में, […]
आपने प्यार के कई किस्से जरूर सुने होगे। लोग अपना प्यार पाने के लिए क्या कुछ नहीं करते है। कोई शोले के वीरू की तरह पानी की टंकी में […]
✍ माज़ अंसारी (गौसगंज, हरदोई)- दी खुशियां तूने जो मुझको, भुलाना न आसान होगा, मेरी हर कामयाबी पे, तेरा ही नाम होगा। रखूँगा तेरे हर तर्ज़ को, खुद में समां कर इस तरह, भूल कर […]
पवन कश्यप (युवा गीतकार, हरदोई)- अधखिले पुष्प जब वो खिले ही नहीं । कल मिलेंगे उन्होंने ये वादा किया, एक अरसा हुआ वो मिले ही नहीं। कैसे आती बसन्ती ऋतु प्यार की मखमली शाम […]
तेरी इन झील सी आंखों में जो ये नूर दिखता है, तेरे चेहरे की मदहोशी में ये मन चूर दिखता है । कहीं जुल्फों का गिर जाना, कहीं अधरों का खिल जाना । कहीं मासूम […]
राघवेन्द्र कुमार “राघव” हरे नोटों के सामने, पतिव्रत धर्म बिकता है । नारी की इस्मत बिकती है, पायल का राग बिकता है ।। खुल जाते हैं बन्द दरवाजे, चन्द सिक्कों की खनकार से। बिक जाते […]
मनीष कुमार शुक्ल ‘मन’ लखनऊ- उसका ग़र अहसास ख़ुद में चाहिए | रूहों में पाक़ीज़गी ले आइए || काशी क़ाबा हैं बसे दिल में कहीं | दिल को लेकर रौशनी में जाइए || लगता है […]