हे राम! अयोध्या तुम्हें बुलाती है
जगन्नाथ शुक्ल…✍ (प्रयागराज) हे राम! अयोध्या तुम्हें बुलाती है; राह में दीये जलाती है। हे राम!…………. तुम्हीं हो मेरे आठों याम; तुम्हीं से रघुवर ये सुखधाम। तुम्हीं से मुरली की है तान; तुम्हीं से जीवन […]
जगन्नाथ शुक्ल…✍ (प्रयागराज) हे राम! अयोध्या तुम्हें बुलाती है; राह में दीये जलाती है। हे राम!…………. तुम्हीं हो मेरे आठों याम; तुम्हीं से रघुवर ये सुखधाम। तुम्हीं से मुरली की है तान; तुम्हीं से जीवन […]