आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय का ‘शब्दरथ’ प्रयागराज से लखनऊ प्रस्थान करने के लिए तत्पर/सन्नद्ध

February 7, 2023 0

‘आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला और कर्मशाला’ विगत वर्षों मे देश के अनेक राज्यों मे प्रसार करती गयी है, जिसका एकमात्र उद्देश्य रहा है, सार्थक शब्दपथ से च्युत (पृथक्, अलग) व्यक्ति को सम्यक् शब्द-धारण […]

मेरे पास शब्द है तुम्हें जानने के लिए

April 10, 2018 0

आकांक्षा मिश्रा- उसने कहा मेरे पास शब्द है तुम्हें जानने के लिए इतने शब्द हालात सम्भालने के काम आ सके क्या कहूँ ? अभी-अभी हृदय की पीड़ा बढ़ रही तुम अभी मौन हो ये मन […]

शब्द काव्याधार : कागज़ पे अंकुर हो ही जाएगा

October 31, 2017 0

जगन्नाथ शुक्ल, इलाहाबाद शब्द बीज है काव्य सर्जन का, कागज़ पे अंकुर हो ही जाएगा। भाषा का मस्तक तिलक बनके, संस्कृति उजाला कर ही जाएगा। कहीं पे ये सदा उन्मुक्त दिखता है , तो कहीं […]