प्रेमचन्द की कथा में सामाजिक यथार्थ : मत और सम्मत
प्रेमचंद के उपन्यासों में सामाजिक यथार्थ आज भी जीवित है ★डॉ० प्रदीप चित्रांशी (साहित्यकार, प्रयागराज) मुंशी प्रेमचंद ने बहुत सी कहानियाँ,उपन्यास लिखे जो आज भी प्रासंगिक हैं क्योंकि उन्होंने वास्तविक परिस्थितियों का वर्णन जितनी वास्तविकता […]