सई नदी की करुण कथा : पौराणिक और ऐतिहासिक नदी मर रही है

प्रेम का प्रदर्शन कितना सही

March 25, 2023 0

एक मित्र का प्रश्न.. प्रश्न- प्रेम का प्रदर्शन कितना सही, कितना ग़लत है..?कथित प्रेमी/प्रेमिकाओं केअसफ़ल होकर आत्महत्या करने जैसे निर्णय पर भी प्रकाश डालें..! उत्तर- प्रेम में असफल कभी कोई हो ही नहीं सकता।असफलता केवल […]

‘मोदी हटाओ-देश बचाओ’ मे कौन-सा अपशब्द है?

March 23, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय मोदी हटाओ-देश बचाओ’― यह नारा ‘अपशब्द’ कैसे हो गया और उस पर दिल्ली-पुलिस-प्रशासन की तत्परता ग़ज़ब ढा रही है। जयप्रकाश नारायण की ‘समग्र क्रान्ति’ के समय नारा लगाया जाता था […]

तो क्या ‘करौली बाबा’ बहुरुपिया है?

March 23, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय कानपुर के ‘करौली बाबा’ उर्फ़ संतोष सिंह भदौरिया के गुण्डों-द्वारा एक चिकित्सक और उसके पिता के साथ गम्भीरतापूर्वक मारपीट किये जाने का जो वीडियो सार्वजनिक किया जा रहा है, उससे […]

ऐसे बेहूदे राजनेता देशद्रोही हैं; उनका बहिष्कार करें

March 17, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय “पहले लोग सोचते थे कि पिछले जनम मे हमने न जाने कौन-से पाप किये थे कि ‘भारत’ मे पैदा हुए थे।” जिस बेहूदे राजनेता ने विदेशी धरती पर जाकर ऐसा […]

हर फ़िक्र को धुएँ मे उड़ाता रहा नसीब…!

March 16, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय मै कल (१५ मार्च) को ब्रह्म मुहूर्त्त मे ४.२३ बजे गुवाहाटी (असम) रेलस्टेशन (‘रेलवे स्टेशन’ अशुद्ध है।) के प्लेटफ़ॉर्म-क्रमांक चार पर बैठा था, तभी एक वयोवृद्धा पर दृष्टि स्थिर हो […]

एक मित्र का प्रश्न

March 13, 2023 0

प्रश्न- राम गुप्ता जी भगवान होते है अथवा नहीं..?मंदिर में निर्जीव मूर्ति और पत्थरों की पूजा से भगवान का क्या तात्पर्य है..? उत्तर- भगवान होते हैं लेकिन जिन्दे में होते हैं, मुर्दे में नहीं।चैतन्यता में […]

क्या छापों या गिरफ़्तारियों से भ्रष्टाचार रुकेगा?

March 10, 2023 0

देशवासियों! यह बात उतनी ही सत्य व प्रामाणिक है जितने हमारे सनातनी वेद। नरेन्द्र मोदी जी का मकसद राजनैतिक या आर्थिक भ्रष्टाचार खत्म करना मकसद नहीं है, अगर उनका वास्तव में जड़ से भ्रष्टाचार खत्म […]

सत्य सभी को प्रिय है

March 10, 2023 0

सत्य सभी को प्रिय है।लेकिन जब असत्य व्यवहार को ही सत्य के रूप में अपनाया जाय तो प्रिय नहीं हो सकता।प्रियता का जन्म ही सत्य से हुआ है।किसी भी दूसरे को प्रिय मानना ही प्रेम […]

प्रेमनिवेदन आक्रमण नहीं आमन्त्रण है

March 5, 2023 0

प्रश्न:- स्त्री का प्रेम में पहल करना ओशो ने आक्रामक कहा है। क्या ये ठीक कह रहे हैं? उत्तर:- प्रेम आक्रामक नहीं होता।प्रेमनिवेदन आक्रमण नहीं आमंत्रण है।स्त्री का तो पूरा अस्तित्व ही आमंत्रण है।कहीं भी […]

हर सिक्के के दो पहलू होते हैं

March 5, 2023 0

मैंने किशोरावस्था में ही अपना होमटाउन लालगंज बैसवारा छोड़ दिया। इसका फायदा यह हुआ कि मुझे जल्दी नौकरी मिल गई और जिस उम्र में मेरे कुछ सहपाठी अभी भी TGT/PGT की तैयारी कर रहे थे, […]

एक बुद्धिजीवी की समस्या

February 28, 2023 0

#RenamingCommission हम आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। हमें धार्मिक और सांस्कृतिक आजादी चाहिए। राष्ट्रीय स्तर पर #नामकरण_आयोग बनाने और वहशी विदेशी लूटेरों और आक्रांताओं के नाम पर बने कस्बों और शहरों के नाम […]

सत्य क्या है?

February 24, 2023 0

सामान्यतः किसी भली या बुरी बात या घटना को ज्यों का त्यों कहने को ही लोग सत्य बोलना कहते हैं।लेकिन ऐसा बोलने वाला मामला तथ्य होता है सत्य नहीं।सत्य तो ज्ञान है, आत्मा है, ईश्वर […]

सदाचरण व सद्व्यवहार ही सत्धर्म

February 21, 2023 0

सदाचरण व सद्व्यवहार ही सत्धर्म है।यह सत्धर्म ही परस्पर शत्रुता के स्थान पर मित्रता को प्रतिष्ठित करता है।दुर्जन नहीं सज्जन बनने के लिए इसी शाश्वत एवं सनातन धर्म को स्वीकार किया जाता है ऐसे सनातन […]

समयसत्य विचार और प्रचार

February 19, 2023 0

◆ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय चलो, हम मान लेते हैं, तुम ‘हिन्दूराष्ट्र’ बना लो; पर हमारे कुछ प्रश्न हैं :―● तथाकथित हिन्दू सनातनी सरकार की प्रतिशोधात्मक राजनीति समाप्त हो जायेगी?● “फूट डालो और राजनीति करो” […]

आप कुछ सोचें और उस सोच को दूसरा कोई बता सके, सम्भव ही नहीं

February 19, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय इस जगत् मे ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है, जो आप कुछ सोचें और वह उस सोच को, आपसे बिना कोई प्रश्न किये, सीधे बता सके। आप जब कुछ सोचते हैं […]

कृष्ण जी की जिज्ञासा

February 7, 2023 0

प्रश्न-:न्याय तो सबकों चाहिए लेक़िन कोई भी जल्दी सत्यनिष्ठ बनने को तैयार नहीं हैं।लेकिन अगर उनके साथ अन्याय होता है तो उन्हें सत्य एवं न्याय की याद अवश्य आती है। उत्तर-:जी!अभी प्रायः लोगों को सत्यनिष्ठा […]

भयभीत, मूल्यहीन, दु:खग्रस्त मनुष्य का जीवन किसी अभिशाप से कम नहीं

February 5, 2023 0

तीन बातों का स्व आत्मनिरीक्षण कीजिए- यदि ये तीनों या इनमें से कोई भी दो या कोई भी एक ग्रंथि आपके हृदय में विद्यमान है तो आप उतनी ही मात्रा में विक्षिप्त रहते हैं..! इन […]

‘स्व’ और ‘पर’ के बीच के द्वैतबोध को हटाओ

February 2, 2023 0

प्रेम तो किसी से कोई आशा नहीं करता, प्रेम किसी को पीड़ा नहीं देता, फिर क्यो प्रेम को लोग स्वीकार नहीं कर पाते, जबकि प्रेम सबको स्वीकार करता है..? उत्तर- प्रेम जब किसी से कोई […]

सामाजिक चेतना हेतु अतिमहत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

January 26, 2023 0

प्रश्न–क्या साधारण मनुष्य बिना अधिकारों के किसी भीनिजी या व्यवहारिक/सामाजिक कर्तव्य करने हेतु उत्तरदायी है? उत्तर–नही, कोई भी मनुष्य अपने निजी कर्तव्यों हेतु पूर्णतः स्वतंत्र है वो भी तबतक जबतक कि व्यवहारिक/सामाजिक बाध्यता का हनन […]

प्रेम की तो पीड़ा भी आनंददायक है जबकि घृणा का आराम भी दुःखद है

January 22, 2023 0

प्रेम के बिना तुम कभी सुखी नहीं हो सकते।प्रेम ही तुम्हारे दुःखों-दर्दों की एकमात्र अचूक दवा है। यदि तुम इस विराट संसार में किसी एक सद्व्यक्ति से भी प्रेम करते हो तो समझ लो कि […]

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