‘मानवाधिकार’ का ‘पोषक’ : कितना ‘शोषक’?
★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय मानवाधिकार’ की बात करनेवाला नरेन्द्र मोदी मानवता का कितना पोषक रहा है? गोधराकाण्ड भूल गया? उसने ‘नोटबन्दी’ और ‘कोरोना’ तथा ‘किसान-आन्दोलन’ में मारे गये मनुष्यों के प्रति आज तक ‘एक […]