खेती गुनाह हो गयी साहब, हफ्ता भर से सेंटर पर है पड़े पर नहीं हुई तौल

  • तौल के इंतजार में क्रय केंद्र पर पड़े है किसान ।
  • कहीं बारदाना कही गेंहू उठान का बहाना बनाते है सचिव।
  • कुछ लोगों के खरीदे जा रहे गेंहू किसान है परेशान।
  • एक किसान ने लगाया 25 हजार का वसूली का आरोप।
  • सीएम के निर्देश जिले में है ठेंगे पर किसान केंद्रों पर परेशान।
  • अधिकारी नही दे रहे ध्यान महज खानापूर्ति तक सीमित है जिम्मेदार ।

हरदोई में एक हफ्ते से गेंहूँ क्रय केंद्र पर तौल के लिए पड़े किसानों के मुंह से अब यही निकल रहा है कि अब खेती करना गुनाह हो गया है और इसी गुनाह की सजा यहां हफ्ते भर से काट रहे हैं। कुछ किसान बुखार से भी पीड़ित हो गए है लेकिन जिम्मेदार कोई सुध लेते नहीं दिखाई पड़ रहे है। किसानों का कहना है कि यहां बंधक की स्थिति है क्योंकि उनकी मजबूरी है कि वे बिना तौल कराए यहां से वापस भी नहीं लौट सकते हैं।
जिले भर के कई क्रय केंद्र पर हफ्ते भर से गेंहूँ तौल के इंतजार में पड़े किसान अब हैरान हो रहे है और बरबस यही मुह से निकल रहा कि साहब खेती करना गुनाह है।कहीं कहीं किसानों को खरीद केंद्र पर बारदाना न होने का कारण बताया जाता है तो कही कही कहा जा रहा जो तौला गया है गेंहू वह अभी तक लोड नही हो पाया है इसलिए नही खरीदा जा रहा।वही केंद्रों पर धांधली भी हो रही है और जो किसान कई दिनों से पड़े है उनका गेंहू नही तौला जाता जबकि कुछ से सांठगांठ करके तुरंत तौल लिया जाता है।
किसानों में ,भुवनेश्वर प्रसाद, महिला किसान भुवनेश्वरी देवी सहित आधा दर्जन किसानों ने बताया कि काफी दिन पहले तौल की पर्ची कटवाई थी तब से वे यहीं सेंटर पर अपनी ट्राली लिए दिन रात पड़े हैं लेकिन केंद्र प्रभारी उनकी तौल नहीं कर रहा है। किसानों ने बताया कि केंद्र प्रभारी कभी भी निर्धारित तौल नहीं करते हैं जिससे हम सब परेशान है।अवधेश कुमार,कृष्ण कांत आदि किसानों ने बताया कि यहां दिन रात जागना पड़ता है क्योंकि दिन में आवारा जानवर अनाज खा जाते हैं और रात में अनाज चोर मौका पाते ही अनाज चुरा लेते हैं ऐसे में यदि जरा सी देर भी आंख लग गयी तो या तो गेंहू चोरी हो जाता है या जानवर खा जाते है ऐसे में कई किसानों की तबियत खराब हो गयी है, रात में हजारों मच्छर बैठने भी नहीं देते हैं।
किसानों की बेबसी यह भी है कि वे बिना तौल वापस भी नहीं लौट सकते हैं वापस यदि लौटना हो केंद्र प्रभारी की स्वीकृति जरूरी है कई किसानों ने केंद्र प्रभारी को स्वीकृति देने को कहा लेकिन उसने दस्तखत नहीं किये ऐसे में यदि किसी किसान की तबियत ज्यादा खराब हो जाय और उसको अस्पताल जाना पड़े तो उसका अनाज भगवान भरोसे ही पड़ा रहेगा।हफ्ते भर से क्रय केंद्र पर पड़े किसानों को अब घर की चिंता सता रही है किसान कृष्ण कुमार ने बताया कि उसके घर मे राशन खत्म हो गया था घरवाली की भी तबियत खराब थी लेकिन गेंहूँ बेचना जरूरी था क्योंकि गेंहूँ बेचकर ही घर की जरूरतों और पत्नी की दवाई का प्रबंध करना था लेकिन एक हफ्ते से वो यहां पड़े है पता नहीं बीबी किस तरह बच्चों का पेट भर रही होगी यह चिंता उन्हें परेशान कर रही है।वही शाहाबाद क्षेत्र के एक किसान महेंद्र मिश्र का आरोप है कि 2720 रुपये लिए गए लेकिन अभी तक खरीद नही पाई है।इस मामले में एडीएम विमल अग्रवाल ने बताया कि 91 प्रतिशत खरीद कर चुके है 15 दिन तक खरीद हो चुकी है शिकायतें निराधार है।