निजी विद्यालयों के नौनिहालों का वर्तमान व भविष्य हो रहा खराब

कक्षा 8 तक के सभी निजी विद्यालयों का नहीं हो रहा पूर्णतया संचालन

ऑनलाइन शिक्षण कार्य महज खानापूर्ति तक ही सीमित, शिक्षकों के सम्मुख जीवकोपार्जन की बड़ी समस्या

कछौना (हरदोई ) :- वैश्विक महामारी कोरोना के चलते लोगों के सामने जीविकोपार्जन का संकट खड़ा हो गया है। उद्योग धंधे भी पूरी तरह प्रभावित हैं। वहीं कक्षा 8 तक के सभी विद्यालय बंद हैं, जिसके कारण प्राइवेट शिक्षकों के सामने जीविकोपार्जन का गहरा संकट खड़ा हो गया है। उनके पास विद्यालय से मिलने वाली सैलरी का ही एकमात्र सहारा था। ऑनलाइन शिक्षा महज खानापूर्ति तक सीमित है।

अधिकांश अभिभावकों के पास एंड्रॉयड मोबाइल उपलब्ध नहीं हैं, अगर किसी अध्यापक के पास एंड्राइड मोबाइल है भी तो ग्रामीण क्षेत्र में नेटवर्क की समस्या है, कुल मिलाकर बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा बिल्कुल नहीं हो पा रही है। जिसके कारण अभिभावक विद्यालय प्रबंधन तंत्र को फीस नहीं उपलब्ध करा रहे हैं। इसी कारण स्कूल प्रबंधन अध्यापकों को वेतन नहीं दे रहे हैं इसी कारण प्राइवेट शिक्षकों की सामने आजीविका पर गहरा संकट खड़ा हो गया है। यह शिक्षक गण समाज में शिक्षक की मान्यता के चलते अन्य कोई व्यवसाय करने की जहमत नहीं उठा पा रहे हैं। वर्तमान समय में अनलॉक के चलते सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चल रही हैं, परन्तु सरकार नौनिहालों के भविष्य को ध्यान नहीं रख रही है। जिससे नौनिहालों व शिक्षकों का वर्तमान व भविष्य दोनों खराब हो रहा है। प्राइवेट शिक्षकों ने शीघ्र बेसिक स्कूल शिक्षण व्यवस्था चालू कराने की मांग शासन से की है। जिससे प्राइवेट शिक्षकों की जीविकोपार्जन हो सके।

रिपोर्ट- पी०डी० गुप्ता