नमामि गंगे : बायोरेमेडियेशन विधि से शोधन के पश्चात ही पानी को गंगा में गिरने दिया गया

प्रदेश सरकार ने नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत सीवरेज ट्रीटमेंट कर नदियों को प्रदूषणमुक्त बनाया


प्रदेश सरकार नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत नदियों को प्रदूषण मुक्त बना रही है। प्रदेश के विभिन्न जिलों के नालों के पानी का ट्रीटमेंट कर शुद्ध बनाया जा रहा है। कानपुर के 128 वर्ष पुराने सीसामऊ नाले के 140 एमएलडी सीवेज को आई एण्ड डी द्वारा टैप कर 80 एमएमडी बिनगवां एसटीपी (Special Treatment Plant) तथा 60 एमएलडी जाजमऊ एसटीपी के माध्यम से शोधित किया जा रहा है। जिसके फलस्वरूप सीसामऊ नाले से गंगा नदी में होे वाला प्रदूषण समाप्त हो गया और गंगा नदी के जल की गुणवत्ता में काफी सुधार परिलक्षित हुआ है।

प्रदेश के धार्मिक व पौराणिक नगर अयोध्या में पवित्र नदी सरयू में गिरने वाले सभी नालों को टैप कर दूषित जल को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में पहुचाया जा रहा है, इससे अयोध्या नगर में पवित्र नदी सरयू के जल की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
प्रदेश में जायका पोषित 140 एमएलडी दीनापुर एसटीपी के अन्तर्गत बायो गैस का प्रयोग कर विद्युत उत्पादन भी किया जा रहा है। शोधित जल के रियूज हेतु भी योजनाओं में प्रविधान किया गया है, जैसे मथुरा में 20 एमएलडी शोधित जल का उपयोग इण्डियन आयल द्वारा कानपुर में 40 एमएलडी शोधित जल को यूपीपीसीएल द्वारा प्रयोग किये जाने हेतु अनुबन्ध किया गया है। दोनों योजनाएं वर्तमान में निर्माणाधीन हैं। प्रयागराज नगर में प्रति 06 वर्ष में कुम्भ मेला एवं प्रतिवर्ष माघ मेला का आयोजन होता है। इस नगर हेतु 10 परियोजनायें स्वीकृत की गयी, जिनमें से 08 परियोजनायें पूर्ण की जा चुकी है। इन परियोजनाओं के अन्तर्गत निर्मित शोधन संयंत्रों से सीवेज शोधन कर विभिन्न कार्यों में इसका उपयोग किया जा रहा है।

पौराणिक एवं पवित्र कुम्भ 2019 के दौरान गंगा नदी में गिरने वाले प्रदेश के सभी नालों को बायोरेमेडियेशन विधि से शोधन के पश्चात ही नदी में गिरने दिया गया, फलस्वरूप नदी के जल के प्रदूषण में कमी आयी और करोड़ों स्नानार्थियों ने पवित्र गंगा व त्रिवेणी में स्नान किया। प्रदेश में विभिन्न कार्यदायी संस्थाओ द्वारा 101 जल शोधन संयंत्रों का संचालन किया जा रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा कानपुर, प्रयागराज तथा मथुरा नगरों में वन-सिटी-वन आपरेटर के सिद्धान्त पर फर्म का चयन कर कार्य कराये जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा लखनऊ, गोरखपुर, आगरा तथा गाजियाबाद जोन के 29 एसटीपी के अनुरक्षण एवं संचालन का कार्य वन सिटी वन ऑपरेटर के सिद्धान्त पर फर्म का चयन कर कार्य कराया जा रहा है। फलस्वरूप उनके द्वारा उच्च गुणवत्ता के शोधन की व्यवस्था को प्राथमिकता दी जा रही है।

नमामि गंगे, अमृत योजना एवं राज्य सेक्टर के अन्तर्गत योजनाओं द्वारा सर्जित सीवरेज संरचनाओं के अधिकतम उपयोग के दृष्टिगत शत-प्रतिशत घरेलू सीवरेज कनेक्शन सुनिश्चित करने हेतु उपभोक्ताओं को बिना शुल्क के घरेलू सीवरेज कनेक्शन दिये जा रहे हैं। अब तक 20 नगरों में 15.08 लाख सीवरेज कनेक्शन के विरुद्ध 12.68 लाख कनेक्शन के कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं। प्रदेश सरकार स्वच्छ भारत मिशन को सफलतापूर्वक संचालित करते हुए नगरों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दे रही है। नगरवासियों की मूलभूत आवश्यकताओं, सड़क, नाली, नालों का निर्माण व सफाई, सीवरेज व्यवस्था एवं सीवरेज ट्रीटमेंट, शुद्ध पेयजल आपूर्ति आदि कार्य प्राथमिकता से करते हुए नागरिकों को सुविधा दे रही है।