इस वैश्विक महामारी के चलते प्राइवेट शिक्षक एवं कोचिंग संचालक अपने कार्य को छोड़ कर के या तो कोई व्यापार करने पर मजबूर हैं, या मजदूरी करने पर मजबूर है । सरकारें देश का भविष्य बनाने वाले कोचिंग संचालकों को इस प्रकार उपेक्षित कर रही है जितनी उपेक्षा तो घुसपैठिए रोहगियों की नहीं हुई है। कम से कम सरकार ने जब मुफ्त में अनाज बांटा तो उन देश विरोधी गतिविधियों मैं लिप्त घुसपैठियों को मुफ्त में अनाज मिला, लेकिन सरकार ने पूरी निष्ठा से राष्ट्र हित में काम करने वाले प्राइवेट अध्यापकों और कोचिंग संचालकों को वह स्थान भी नहीं दिया।
विभिन्न राज्यों के राज्य स्तरीय कोचिंग संगठन बने हुए हैं फिर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही उत्तर प्रदेश कोचिंग संघ नियमित बैठकें कर रहा है सत्ता हीन सभी पार्टियों के जनप्रतिनिधि कोचिंग संघ की बैठकों में सम्मिलित हो रहे हैं लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी का कोई भी प्रतिनिधि अभी तक इन संचालकों का हाल-चाल तक नहीं लिया। अखिल भारतीय कोचिंग संघ के संयोजक अखिलेश्वर नाथ पांडे ने बताया कि अब प्रदेश स्तरीय आंदोलन ना करके बल्कि देश स्तरीय आंदोलन किया जाएगा। जो कोचिंग संचालक और अध्यापक अपनी कक्षाओं में अपने विद्यार्थियों को अभी तक आंदोलन की कमियां बताते रहे हैं अब वह स्वयं आंदोलन करने उतर रहे हैं अखिल भारतीय कोचिंग संघ की बैठक में आज 8 राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, बिहार, झारखंड, एवं छत्तीसगढ़ के राज्य संयोजक और विभिन्न कोचिंग संचालक अपने विचार रखे।