भीमराव अंबेडकर के विचार आज भी प्रासंगिक

राजेश कुमार शर्मा “पुरोहित”-


बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का हम सब चौदह अप्रैल को जन्म दिन मनाते है जिसे अम्बेडकर जयंती के रूप में जानते हैं। वे एक अर्थशास्त्री राजनीतिज्ञ कानून के विशेषज्ञ हैं।दलितों के वे भगवान थे। उन्होंने जातिवाद को खत्म किया। उन्होंने दलितों को हमेशा न्याय दिलाया। उन्होंने श्रमिकों महिलाओं किसानों को न्याय दिलाया। उनके अधिकारों की रक्षा के लिए अहर्निश प्रयासरत रहे।

छुआछूत को उन्होंने दूर किया। छूत अछूत के भेद को मिटाया। उन्होंने बताया कि हम सब केवल इंसान है। जाति व धर्म के झगड़े झूंठे हैं। देश की एकता व अखण्डता के लिए सदैव प्रयासरत रहे। जब एक मटके से दलितों को स्पर्श करने से भी मना कर दिया जाता था। वह पानी कैसे पिये। प्यास से गला सुख जाता था। उन्होंने देखा तो छुआछूत को दूर करने का खूब प्रयास किया।

उन्होंने दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान रचा । लिखित विशाल संविधान बनाया। जब छुआछूत के कारण दलितों को पानी पीने तक का अधिकार नहीं था। ऐसी परिस्थिति में अकेले संघर्ष कर उन्होंने जातिवाद को मिटाया। बाबा साहब के नाम से लोग उन्हें जानते थे। समानता दिवस के रूप में आज सारा संसार बाबा साहब का जन्म दिन मानकर जय भीम के नारों से आकाश गुंजा रहे हैं। ज्ञान दिवस भी अम्बेडकर जी के जन्मदिन को कहते हैं क्योंकि उन्होंने अपने ज्ञान से दलितों को न्याय दिलाया सम्मान दिलाया। इंसान सब समान है सबको समझाया। उन्होंने देश ही नहीं प्रत्येक मानव के अधिकार की रक्षा की। मानवाधिकार आंदोलन , संविधान बनाना आदि उन्होंने महत्वपूर्ण कार्य किया।

उन्होंने आधुनिक भारत बनाने का सपना देखा था।प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ समाजशास्त्री प्रकांड विद्वान थे बावा साहब। उन्होंने शिक्षा को बढ़ावा दिया।हिन्दू मन्दिरों में प्रवेश दिलाया। भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना में भी उनका बहुत योगदान रहा। सामुदायिक स्वास्थ्य सही हो उस ओर भी आपने प्रयास किया।। स्वतंत्र चुनाव आयोग बनाने का कार्य भी बाबा साहब ने किया। पानी बिजली की पुख्ता व्यवस्था हेतु भी अम्बेडकर जी प्रयासरत रहे। हीराकुंड जैसी परियोजना का भी उन्होंने कार्य किया था। लोग उन्हें समानता की प्रतिमा कहते हैं।

वे कहते थे मैं ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता समानता और भाईचारा सिखाता है। जीवन लम्बा होने के बजाय महान होना चाहिए।बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता हांसिल नहीं कर लेते तब तक स्वतंत्रता आपके लिए बेईमानी हैं।

बाबा साहब ने सभी मनुष्यों को समानता का पाठ पढ़ाया। इंसानियत से रहना सिखाया। देश की उन्नति का सरल मार्ग सुझाया।

राजेश कुमार शर्मा”पुरोहित”
श्रीराम कॉलोनी भवानीमंडी जिला झालावाड़ राजस्थान