● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय
आज (३० मई) ‘हिन्दीपत्रकारिता-दिवस’ है। उल्लेखनीय है कि ३० मई, १८२६ ई० को हिन्दी का प्रथम समाचारपत्र ‘उदन्त मार्त्तण्ड’ का प्रकाशन कलकत्ता में ‘कोल्हू टोला’ नामक मुहल्ले के ‘३७ नम्बर अमड़ा तल्ला गली’ से हुआ था, जो कि ‘सोमवार’ था, जबकि आज ‘बृहस्पतिवार’ है। वैसे भी ‘जन्मतिथि’ और ‘जन्मदिनांक’ का आधार कभी ‘दिन’ नहीँ हो सकता। इस तर्क और तथ्य के आधार पर देश मेँ ‘हिन्दीपत्रकारिता-दिनांक’ का आयोजन होना चाहिए; परन्तु ‘दिवस’ का प्रयोग कर, उसे रूढ़-रूप दे दिया गया है।
एक स्वस्थ, निर्भीक एवं तटस्थ पत्रकारिता मेरी रग-रग मे रही है; कई प्रतिष्ठित समाचारपत्र-पत्रिकाओँ-प्रतियोगी पत्रिकाओँ का सम्पादक रहा; पत्रकारिता-संस्थानो, फ़ीचर और समाचार-अभिकरणो का निदेशक भी। एक अध्येता के रूप मे पत्रकारिता के किसी भी क्षेत्र का संस्पर्श करने से वंचित नहीँ रहा।
देश-देशान्तर मेँ मेरे विद्यार्थी अपने पत्रकारिता-ज्ञान का विविध माध्यम से वितरण करते आ रहे हैं; प्रचार-प्रसार कर रहे हैँ।
पत्रकारिता-विषयक जितनी कृतियोँ का जिस समग्रता और विविधता के साथ प्रणयन करना चाहता था, नहीँ कर पाया। देश के प्रकाशकोँ ने जब अवसर दिये थे तब मेरी प्राथमिकताएँ अन्य विषयोँ की ओर थीँ। वैसे, अवसर मेरी मुट्ठी मे है, जबकि आज भी प्राथमिकताएँ कुछ और हैँ, जो कि समय-सत्य हैँ और समीचीन भी।
इस अवसर पर उन पूर्ववर्ती पण्डित (ज्ञानी) पत्रकारोँ का, जिन्होँने पत्रकारिता को एक ध्येय, एक उद्देश्य एवं एक लक्ष्य स्वीकार करते हुए, अपने पत्रकारीय संज्ञान / संबोध का बहुविध परिचय प्रस्तुत किया था, अपनी पत्रकारिता-विषयक उपलब्ध कतिपय पुस्तकोँ (प्रकाशन के क्रम मे) :– ‘पत्रकारिता : परिवेश और प्रवृत्तियाँ’, ‘जनसंचार : दृश्य-परिदृश्य’, ‘मीडिया : आयाम और प्रतिमान’, ‘मीडिया : दृष्टि और संदर्भ’, ‘चमत्कार : ‘सञ्चार’ के’, ‘साक्षात्कार : विधा और सन्दर्भ’ तथा ‘मीडिया और प्रेस-विधि’ के साथ उनका नमन करता हूँ।