राष्ट्र आज भारत के संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव रामजी आम्बेडकर की 127वीं जयन्ती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। आज सुबह नई दिल्ली में संसद भवन परिसर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम0 वैंकेयानायडू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा साहेब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने कहा है कि बाबा साहेब हमेशा दलितों के लिए संघर्ष करते रहे। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब को सच्ची श्रद्धांजलि यह होगी कि हम समतामूलक भारत के निर्माण का संकल्प लें ताकि डॉक्टर आम्बेडकर के सपनों को साकार किया जा सके।
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर मध्यप्रदेश में बाबा साहेब के जन्म स्थान महू में उनके स्मारक पर आयोजित समारोह में कहा है कि वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे उन्होंने जाति भेद और अन्य पूर्वाग्रहों से मुक्त आधुनिक भारत के निर्माण के लिए जीवन भर संघर्ष किया। श्री कोविन्द ने कहा कि नयी पीढ़ी को आज यह समझने की आवश्यकता है कि समाज में समानता लाने के लिए डॉक्टर आम्बेडकर ने हमेशा अहिंसा का रास्ता चुना।
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर अपने संदेश में श्री कोविन्द ने कहा बाबा साहेब का सबसे बड़ा योगदान संविधान है, जो समानता का अधिकार देता है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर आम्बेकर बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्ति थे, जिनका समाज और राष्ट्र पर प्रभाव अब तक प्रासंगिक बना हुआ है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर अम्बेडकर एक अर्थशास्त्री और शिक्षाशास्त्री, विद्वान और दार्शनिक थे। आज जरूरत यह है कि इन लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से गुजरते हुए तथा अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हुए अपने भले और बुरे की पहचान करने के लिए हम सदैव जागरूक रहें और समझदारी से आगे बढ़ते रहें।