महिलाओं के खिलाफ हिंसा को धर्म के दृष्टिकोण से नहीं देखा जाना चाहिए: गिरिराज सिंह

केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा को धर्म के दृष्टिकोण से नहीं देखा जाना चाहिए और बिना किसी पूर्वाग्रह के सभी को इसकी कड़ी निंदा करनी चाहिए। गिरिराज सिंह ने नई दिल्ली में एक राष्ट्रीय अभियान ‘नई चेतना-पहल बदलाव की’ के शुभारंभ के बाद यह बात कही। ये अभियान 23 दिसम्‍बर तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जन-आंदोलन के रूप में चलाया जाएगा।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार देश में 2021 में बलात्कार के 31 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए जबकि महिलाओं के खिलाफ अपराध के लगभग 49 मामले हर घंटे दर्ज किए गए।

गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए विभिन्‍न फैसले ले रहे हैं और केवल आत्मनिर्भर महिलाएं ही आत्मनिर्भर भारत बनाने में मदद कर सकती है। दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका की प्रगति की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि 2014 में स्वयं सहायता समूह के दो दशमलव तीन पांच करोड़ सदस्य थे। अब यह संख्या बढ़कर लगभग नौ करोड़ हो गई है।गिरिराज सिंह ने 13 राज्यों में 160 लिंग संसाधन केंद्रों का भी उद्घाटन किया। ये केन्‍द्र महिला और बाल विकास मंत्रालय के वन स्टॉप सेंटर के साथ काम करेंगे जिनका उद्देश्य परिवार और कार्यस्थल पर हिंसा से प्रभावित महिलाओं की मदद करना है।

इस अवसर पर केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान से जनता में जागरूकता और संवेदनशीलता बढ़ी है।