आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

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कल (१० जुलाई) ‘शनिवार’ रहेगा और आप ‘दैनिक जागरण’, ‘नई दुनिया’ तथा ‘नव दुनिया’ के समस्त संस्करणों में कल एक साथ प्रकाशित साप्ताहिक स्तम्भ ‘भाषा की पाठशाला’ के अन्तर्गत ‘मान्यता’, ‘विदेश’, ‘रोग’, ‘जोग’ आदिक शब्दों का सम्यक् अध्ययन करेंगे, जिनका प्रयोग शताब्दियों से भ्रम, संशय अथवा अज्ञानवश अशुद्ध और अनुपयुक्त रूप में किया जाता आ रहा है।

यह ऐसा स्तम्भ है, जो शुद्ध शब्दप्रयोग के प्रति सजग ‘दैनिक जागरण-परिवार’ के सौजन्य से पिछले चार वर्षों से नियमित रूप से प्रतिसप्ताह (शनिवासरीय स्तम्भ) सार्वजनिक होता आ रहा है। इसकी भाषा-शैली और समझाने का ढंग ऐसा है, जिसका निहितार्थ एक सामान्य शिक्षित व्यक्ति भी ग्रहण कर सकता है। इसे पढ़ने और समझने के लिए आपको उक्त समाचारपत्रों के ‘सप्तरंग’ पृष्ठ को देखना होगा, जिसके नीचे आपको ‘हिंदी हैं हम’ दिखेगा और उसी के ठीक नीचे ‘भाषा की पाठशाला’ दिखेगी। इस प्रकार आप हमारी पाठशाला में प्रवेश कर, ‘सारस्वत ज्ञानगंगा’ में अवगाहन करते हुए, शुद्ध और उपयुक्त शब्दप्रयोग के प्रति सजग हो सकते हैं और कर सकते हैं।

तो आइए! ‘कल’ की प्रतीक्षा करें; क्योंकि ‘कल’ (१० जुलाई) आयेगा।