आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

समाचार-चैनल : ‘समाचार Plus’ का भाषिक अज्ञान
इस चित्र को ध्यानपूर्वक देखिए। इसमें अंकित समाचार-शीर्षक को पढ़िए। पहली बात, यह समाचार-शीर्षक नहीं है, क्योंकि वही समाचार-शीर्षक उपयुक्त कहलाता है, जो क्रिया-रहित हो। यह तो एक वाक्य है, और वह भी अशुद्ध वाक्य। दूसरी बात, मात्र इस एक वाक्य में ‘सात’ प्रकार’ की अशुद्धियाँ हैं।

वाक्य है– 2200 छात्र-छत्राएं चुनाव में कर रहे हैं मतदान
अब हम इस वाक्य का व्याकरणिक विवेचन करते हैं।
‘2200’ हज़ार में कहीं भी अल्प विराम का चिह्न नहीं लगा है। इस कारण यह ‘बाईस सौ’ कहलायेगा, परन्तु शुद्धता की दृष्टि से यह ‘दो हज़ार दो सौ’ है; अत: ‘२’ के नीचे ‘हज़ार’ को प्रकट करनेवाला ‘अल्प विराम’ का चिह्न (,) लगेगा।

अब आगे के शब्द-प्रयोग पर दृष्टि निक्षेपित करते हैं। आगे के शब्द हैं– ‘छात्र-छत्राएं’। इन दो शब्दों में ‘दो प्रकार’ की अशुद्धियाँ हैं। इस समाचार-चैनल के संचालकों को यही नहीं मालूम कि शुद्ध शब्द ‘छात्राएँ’ है, न कि ‘छत्राएं’ है। ‘छत्राएं’ में ‘अनुनासिक-चिह्न’ है, जबकि ‘छत्राएं’ में कहीं ‘पंचमाक्षर’ नहीं हैं। ऐसी स्थिति में, ‘छत्राएं’ के स्थान पर ‘अनुस्वार-चिह्न’ का प्रयोग होगा। इस प्रकार से :— ‘छात्राएँ’ होगा। वैसे भी कोई ‘छात्राएं’ शब्द का शुद्ध उच्चारण नहीं कर सकेगा; क्योंकि ‘अनुस्वार’ और ‘अनुनासिक’ की ध्वनि को समझने की आवश्यकता है।

अब इसी वाक्य में प्रयुक्त ‘चुनाव में’ पर हम दृष्टिपात करते हैं। यहाँ पर ‘कारक’ का अनुपयुक्त प्रयोग किया गया है। उक्त समाचार-चैनल के सुशिक्षित-वर्ग ने ‘अधिकरण कारक की सप्तमी विभक्ति का चिह्न ‘में’ का प्रयोग किया है, जबकि यहाँ ‘सम्प्रदान कारक की चतुर्थी विभक्ति का चिह्न ‘के लिए’ का प्रयोग होगा। इससे सुस्पष्ट हो जाता है कि मतदान चुनाव के लिए किया जाता है, न कि चुनाव में मतदान किया जाता है। ऐसे में, यह वाक्य तो समझ में आता है :— उसने चुनाव के लिए विद्यालय में मतदान किया; परन्तु यह वाक्य समझ से परे है :– उसने चुनाव में विद्यालय में मतदान किया। ऐसा इसलिए कि मतदान किसी स्थान-विशेष में किया जाता है। अब क्रिया ‘कर रहे हैं’ पर विचार करते हैं।

व्याकरण का सर्वमान्य सत्य है कि ‘क्रिया’ का चरित्र ‘कर्त्ता’ के अनुसार बदलता है। इस वाक्य में कर्त्ता ‘छात्र-छात्राएँ’ हैं और अन्तिम कर्त्ता ‘छात्राएँ’ हैं। ‘छात्राएँ’ स्त्रीलिंग का बहुवचन शब्द है। इस कारण इस वाक्य की क्रिया स्त्रीलिंग बहुवचन की होगी।

हिन्दी-व्याकरण के अनुसार, किसी भी वाक्य में ‘क्रिया’ सबसे अन्त में रहती है। इस दृष्टि से भी यह वाक्य अशुद्ध है।
अब इस पूरे वाक्य पर विचार करते हैं। वाक्य उसे कहते हैं, जो खण्डित न हो; अर्थात् पूर्ण हो और पूर्ण वाक्य के अन्त में ‘पूर्ण विराम का चिह्न’ (।) लगता है।

सबसे अन्त में जो संक्षेपसूचक-चिह्नरहित कटे हुए अक्षर दिख रहे हैं; जैसे— पीजी, वहाँ पी० जी० होगा, जो ‘पोस्ट ग्रैजुएट’ का संक्षिप्त रूप है। उससे पूर्व भी शब्द-संक्षेप दिख रहा है
इस प्रकार हमने देखा कि मात्र इस एक वाक्य में इस चैनल के संचालकों ने ‘आठ’ प्रकार’ की अशुद्धियाँ की हैं, जो इस प्रकार हैं :—-
१- अंक-सम्बन्धित २- वर्तनी-सम्बन्धित ३- अनुस्वार-सम्बन्धित ४- कारक-सम्बन्धित ५- क्रिया-सम्बन्धित ६- लिंग-सम्बन्धित ७- विराम चिह्न-सम्बन्धित ८- विरामेतर-चिह्न।
शुद्ध वाक्य होगा : २,२०० छात्र-छात्राएँ चुनाव के लिए मतदान कर रही हैं।

(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; २ सितम्बर, २०२० ई०)