आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

अशुद्ध और अनुपयुक्त शब्द-प्रयोग :– सगुण-दुर्गुण, कपूत-सपूत।

यहाँ शुद्ध और उपयुक्त शब्द ‘सुगुण’ है। ‘सुगुण’ और ‘दुर्गुण’ ही एकसाथ प्रयोग किये जानेवाले विपरीतार्थक शब्द हैं। सगुण का अर्थ है, ‘गुणसहित’ और सुगुण का अर्थ है, ‘उत्तम/अच्छा गुण’। जिस तरह से ‘कपूत और सपूत’ अनुपयुक्त शब्द होते हैं, उसी तरह से प्रचलित ‘सगुण-दुर्गुण’ अनुपयुक्त हैं। यहाँ ‘कुपूत’ और ‘सुपूत’ होगा। शुद्ध और उपयुक्त युग्म है– ‘सगुण-निर्गुण’
उक्त पाँचों शुद्ध अथवा उपयुक्त शब्दों में क्रमश: ‘सु’, ‘दु:’, ‘कु’, ‘सु’, ‘स’ तथा ‘नि:’/’निर्’ उपसर्गों का प्रयोग किया गया है।

(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; १० जून, २०२१ ईसवी।)