‘डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ में रचना, लेख, निबन्ध तथा प्रबन्ध

रचना— किसी भी पद्य अथवा गद्य-कृति को ‘रचना’ कहते हैं |
लेख— किसी विषय पर सांगोपांग अथवा एकांगी दृष्टि से विषय-प्रधान और शास्त्रीय पद्धति में प्रकाशित गद्यबद्ध विचारों को प्रकट करनेवाली रचना को ‘लेख’ कहते हैं।
निबन्ध— लेखक के ज्ञान, भाव, चित्त-दशा, अभिरुचि तथा व्यक्तित्व के समस्त अंगों में अनुरंजित आत्मानुभूतिपरक विषय का सार्वांगिक अथवा एकांगी प्रतिपादन ही ‘निबन्ध’ की श्रेणी में आता है।
प्रबंध— किसी विषय के विस्तृत, सर्वांगीण, पूर्ण और वस्तुपरक अध्ययन को निबद्ध करनेवाली गद्य-रचना को ‘प्रबंध’ कहते हैं |

(सर्वाधिकार सुरक्षित : डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, इलाहाबाद; ५ अगस्त, २०१८ ईसवी)