बारिश में भरभरा कर कच्चे घर की दीवार गिरने से दंपत्ति घायल, आवास योजना की पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न

कौशाम्बी– 3 दिन की बारिश में ही कच्चे घर की दीवार भरभरा कर गिर पड़ी। दंपत्ति दीवार के मलबे के नीचे दब गए और गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। आनन-फानन में आसपास के ग्रामीणों ने गिरी दीवार के मलबे को हटाकर दंपत्ति को बाहर निकाला और इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया है।

3 दिन की बरसात के बाद कच्चे घर की दीवार भरभरा कर गिर जाने के बाद एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास योजना के पारदर्शिता की धज्जियां उड़ती दिखाई पड़ रही है। जानकारी के मुताबिक सिराथू तहसील के ग्राम पंचायत गनपा के मजरा महेशपुर में सोमवार की रात बारिश के चलते राम लखन सरोज के कच्चे मकान की दीवार भरभरा कर अचानक गिर पड़ी। राम लखन सरोज एवं उसकी पत्नी संगीता रात में घर के अंदर बैठकर खाना खा रहे थे कि अचानक दीवार गिर जाने से दंपत्ति मलबे के नीचे दब गए। चीख-पुकार मच गयी। हो-हल्ला और चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। गिरी दीवार का मलबा हटाकर लहूलुहान दंपत्ति को बाहर निकाला और इलाज के लिए दंपत्ति को अस्पताल में भर्ती कराया। कच्चे घरों को पक्के घर में बदलने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सपना दिखाया था, जिसके चलते गरीब, कमजोर और मजलूम लोगों में प्रधानमंत्री से एक उम्मीद जगी कि उनके घर को पक्का बनाने में आवास योजना के तहत उन्हें सरकार से मदद मिलेगी। लेकिन आवास योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। अपात्रों ने आवास योजना का जमकर लाभ उठाया लेकिन गरीब, कमजोर, दबे-कुचले, जरूरतमंद पात्र लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल सका। इसी का नतीजा रहा कि 3 दिन की बरसात में गरीब के कच्चे घर की दीवार भरभरा कर गिर पड़ी, जिसमें दंपत्ति दब गए और गंभीर रूप से लहूलुहान हो गए हैं। दंपत्ति को आवास ना दिए जाने के मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई गई तो ग्राम पंचायत से लेकर खंड विकास अधिकारी कार्यालय तक के जिम्मेदारों के गुनाह उजागर होना तय है।