उन्हें प्लाज़्मा चाहिए; किन्तु प्लाज़्मा क्या है, बताते नहीं

★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

देश के पाँच प्रतिशत लोग भी ‘प्लाज़्मा’ के बारे में नहीं जानते। वे मीडियाकर्मी भी नहीं जानते, जो समाचार-चैनल और समाचारपत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से इस शब्द को सार्वजनिक कर रहे हैं।

दिल्ली के मुख्यमन्त्री अरविन्द केजरीवाल पिछले कुछ दिनों से ‘प्लाज़्मा’ का रट लगा रहे हैं। अब दिल्ली में देश का ‘प्रथम प्लाज़्मा चिकित्सालय’ अस्तित्व में आ चुका है, जो ‘सामान्य अध्ययन’ और ‘सामान्य ज्ञान’ के अन्तर्गत आ चुका है। हमारे देशवासियों से प्लाज़्मा-दान करने का अनुरोध तो किया जा रहा है; परन्तु यह नहीं बताया जा रहा है— प्लाज़्मा क्या है? प्लाज़्मा की मनुष्य के शरीर में किस प्रकार की भूमिका रहती है? प्लाज़्मा-दान करने से मनुष्य का शरीर प्रभावित तो नहीं होगा? प्लाज़्मा-दान करने विधि क्या है? उसकी कोरोनारोग-रोधन करने में किस प्रकार की भूमिका रहती है?
आप ‘प्लाज़्मा’ के विषय में क्या जानते हैं?

(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; २ जुलाई, २०२० ईसवी)