डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय (भाषाविद्-समीक्षक)–
एक माह के भीतर राजस्थान में एक हज़ार से अधिक गायें मर गयी हैं। हिन्दूवादी दल की मुख्य मन्त्री वसुन्धरा राजे सिन्धिया सो रही है! अब उसे ‘गोमाता’ के प्रति कहीं-कोई मोह नहीं है। ‘गोरक्षक’ अपनी आँखों पर ‘उदासीनता’ का चश्मा और कानों में ‘ठेपी’ लगाये हुए हैं; वहीं दूसरी ओर, देश के लुंज-पुंज दिख रहे विपक्षी दलों के नेता अपनी अकर्मण्यता की पहचान की छाप छोड़ते दिख रहे हैं।
अब कहीं-कोई प्रतिक्रिया नहीं। ‘बीफ’ के नाम पर पहले जिन निर्दोषों की हत्याएँ की गयी थीं, वे ‘गोमाता’ के प्रति ‘प्रेम’ था अथवा देश के मुसलमानों के प्रति ‘घृणा’ थी?
देश के सारे समाचार-चैनल ‘चोटीकटवा’ के नाम पर देशवासियों के बीच ‘अफ़वाह’ को फैलाने में अपनी-अपनी ‘आपराधिक’ और ‘घृणित’ भूमिका का बहुविध निर्वहन करने में जुटे हुए हैं। अब उन्हें भी ‘गोवंश’ के प्रति कोई अनुराग नहीं है।
राजनाथ सिंह, अरुण जेतली, नरेन्द्र मोदी, मोहन भागवत, विश्व हिन्दू परिषद् , हिन्दूरक्षावाहिनी के लोग कहाँ है? बी०जे०पी०-प्रवक्ता संबित पात्रा, संघ-प्रवक्ता राकेश शर्मा किस ‘बिल’ में घुसे हुए हैं?
अरे धूर्त्तो! ‘हिन्दुत्व’ और ‘गाय’ के नाम पर कब तक हमें छलते रहोगे?