एक के बदले ग्यारह सिर लानेवाला कहाँ छुप गया?

वर्ष बीतते-बीतते हमारे नौ सैनिक मारे गये!

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय
(प्रख्यात भाषाविद्-समीक्षक)

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डे- 


आज हमारे पाँच सैनिक मारे गये हैं!

वर्ष बीतते-बीतते हमारे नौ सैनिक मारे जा चुके हैं; नौ परिवार असह्य वेदना को भोग रहे हैं; कितनी सधवाएँ वर्षान्त में विधवा हो चुकी हैं; कई मासूम पिताविहीन हो चुके हैं, परन्तु किसी भी हद तक गिरकर सत्ता की राजनीति करनेवालों के घिनौने चरित्र, चाल, चेहरे अब पूरी तरह से संवेदनविहीन रूप में सामने आ चुके हैं। इन मक्कारों को देश की राजनीति से दूध में गिरी मक्खी की तरह से निकाल बाहर करने की ज़रूरत है क्योंकि शासन संचालित करनेवाले ‘अकर्मण्य’ सिद्ध हो रहे हैं। दिसम्बर के अन्तिम सप्ताह में हमारे नौ सैनिक अब तक मारे जा चुके हैं।
पिछले दिनों हमारे चार सैनिक मारे गये थे और आज पुलवामा (कश्मीरघाटी) के ‘पुलिस सुरक्षाबल के प्रशिक्षण-शिविर’ में घात लगाकर ‘जैश’ के आत्मघाती आतकियों ने हमारे पाँच सैनिक मार डाले हैं।
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