अखिलेश कुमार (बालामऊ, हरदोई)-
पटाखों के साथ ही प्रदूषणकारी आतशबाज़ी पर देश की राजधानी में न्यायिक प्रतिबन्ध ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं । मसलन बकरीद पर पशुवध क्यों होता है ? क्या मोम का कॉर्बन कम विषैला होता है जो यह जीजस के लिए रोशनी फैलाता है ? आम जनमानस में एक नकारात्मक सा सन्देश प्रेषित हुआ प्रतीत होता है । अनेक सनातनियों और संस्कृति के अलमबरदारों ने माननीय न्यायालय के फैसले की पुरजोर आलोचना करते हुए यहाँ तक कह डाला कि यह फैसला हिन्दू संस्कृति का विरोध करने वाला और तुष्टीकरण करने वाला है । एक बात आज तक हमारी समझ में नहीं आयी कि प्रभु श्री राम से पटाखों का क्या ताल्लुक है ?
सारे संसार को रोशनी से नहला दो, दीप मालाओं से देश को चमका दो और घी के दीपकों के साथ ही सुगन्धित द्रव्यों से धरती के साथ – साथ आसमान को सुवासित कर दो । किसने रोका है ? श्री राम को शोर शराबा अच्छा नहीं लगता । अरे उन्होंने तो सम्पूर्ण जीवन मर्यादा में गुजार दिया और आप सब उनकी आड़ में देश को मर्यादाविहीन करने पर आमादा हैं । मैं आपसे एक प्रश्न पूछता हूँ कि देश में आतशबाजी का व्यापार और निर्माण कौन करता है ? आपने कभी इस दृष्टि से देखा ही नहीं । देश में आतशबाजी के व्यापार पर एक वर्ग विशेष का एकाधिकार है । आप सब जानते हैं कि पटाखों के निर्माण की आड़ में अवैध गोला बारूद का निर्माण भी किया जाता रहा है । देश के विभिन्न प्रान्तों में पुलिस ऐसे लोगों को पकड़ती रही है जो अवैध तरीके से आतशबाजी के सामान की आड़ में हथगोला, सुतलीबम, कारतूस और न जाने कौन – कौन सी प्राणघातक चीजें बनाते रहे हैं । कभी – कभी इन आतशबाजों से विस्फोटक सामग्री के जरिए आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया है । आतंकियों को गोला बारूद एक हद तक हमारे बीच के ही गद्दार मुहैया कराते रहे हैं । यदि धीरे – धीरे हम आतशबाजी की आदत छोड़ दें और आतशबाजों की दूकानें को बन्द करवाने में सहयोग दें तो ग़लत हाथों में जा रहे पैसे को रोकने के साथ ही प्रदूषण जैसी महामारी से भी बच सकते हैं । आतशबाजों के बीच शामिल होकर विस्फोटक सामग्री का जुगाड़ कर आतंकियों को मदद देने वाली स्लीपर सेल को हम सब मिलकर बेजान कर सकते हैं । आतशबाजों के बीच छिपे देश के दुश्मनों को खत्म करने लिए हम सबको पटाखों को तिलांजलि देनी ही होगी ।
माननीय न्यायालय ने दिल्ली को एक मौका दिया है कि पढ़ी – लिखी दिल्ली मामले की गम्भीरता समझे और देश को एक नयी दिशा दिखाए । दिल्ली को हम सबके साथ की आवश्यकता है । हम सब आतशबाजी में एक ही वर्ग के एकछत्र चल रहे राज को खत्म करने के साथ ही आतंकी माड्यूल्स को इस बहाने मिलने वाली मदद का मार्ग बन्द कर सकते हैं । देश प्रेमियों, मेरे देश की ताकत युवाओं मामले को समझो और दिल्ली के साथ – साथ अपनी सोच बदलते हुए देश को बदलो…