हाँ! हम टीबी खत्म कर सकते हैं, जनपद में मनाया गया विश्व क्षय रोग दिवस

हरदोई– विश्व क्षय (टीबी) रोग दिवस के मौके पर शुक्रवार को जिला क्षय रोग अधिकारी कार्यालय में संवेदीकरण गोष्ठी आयोजित हुई। गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए उप जिला क्षय रोग अधिकारी डा. प्रदीप कुमार ने बताया कि लोगों को टीबी के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 24 मार्च को विश्व क्षय रोग दिवस मनाया जाता है।

इस साल “हाँ! हम टीबी खत्म कर सकते हैं” थीम के साथ यह दिवस मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री के साल 2025 तक देश को क्षय मुक्त करने के लक्ष्य में अब सिर्फ दो साल शेष हैं ऐसे में जनसहभागिता बहुत जरूरी है। इसी क्रम में लोगों को जागरूक कर, अधिक से अधिक क्षय रोगियों की पहचान कर उनका इलाज शुरू कराना है। क्षय रोग को लेकर बहुत सी भ्रांतियाँ हैं। इसलिए लोग छुपाते हैं।

लोगों का मानना है कि टीबी संक्रामक होती है जबकि केवल फेफड़ों की टीबी ही संक्रामक होती है और थोड़ी सी सावधानी बरतकर हम इसे फैलने से रोक सकते हैं। जैसे फेफड़ों की टीबी का मरीज मास्क लगाए, खुले में न थूके आदि। अन्य अंग की टीबी संक्रामक नहीं होती है।
टीबी के इलाज में दवा का नियमित सेवा करना बहुत जरूरी होता है। यदि टीबी का मरीज बीच में ही दवा छोड़ देता है तो ड्रग रेसिस्टेंट टीबी होने की सम्भावना बढ़ जाती है। जब शरीर में टीबी के लिए प्रभावकारी दवाओं के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है तो उसे मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट टीबी या एमडीआरटीबी कहा जाता है। इसलिए मरीजों को नियमित टीबी की दवाओं का सेवन करने की सलाह दी जाती है साथ ही इलाज पूरा होने के बाद दो साल तक उनका फॉलोअप किया जाता है।

राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम समन्वयक महेंद्र कुमार यादव ने बताया कि जनपद में कुल 23 टीबी यूनिट और 43 डेजिग्नेटेड टीबी सेंटर हैं जहां पर टीबी की जांच और उपचार किया जाता है। टीबी की पुष्टि होने पर मरीज को उसके घर के निकट डॉट सेंटर पर प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी (एएनएम/आशा कार्यकर्ता) द्वारा इलाज किया जाता है। जनपद में कुल 1264 डॉट सेंटर हैं।

पब्लिक प्राइवेट समन्वयक उपदेश सिंह टीबी के लक्षण, जांच और इलाज की जानकारी देने के साथ ही यह भी बताया कि टीबी मरीजों को दवा के साथ प्रोटीनयुक्त आहार का सेवन करना आवश्यक होता है। इसी क्रम में निक्षय पोषण योजना के तहत सरकार द्वारा क्षय रोगियों को इलाज के दौरान 500 रुपये उनके खाते में भेजे जाते हैं। इसके साथ ही निक्षय मित्रों द्वारा क्षय रोगियों को पोषणात्मक और भावनात्मक सहयोग देने के लिए गोद लिया जा रहा है। एनटीईपी के हरिनाम सिंह ने ड्रग रेसिस्टेंट टीबी के प्रबंधन के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर उप जिला क्षय रोग अधिकारी ने उपस्थित लोगों से अपील की कि वह घर और आस पास के लोगों में यदि किसी में भी टीबी के लक्षण दिखें तो उन्हें जांच के लिए स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर आयें और जांच व इलाज कराएं।

इस अवसर पर एनटीईपी के महेश श्रीवास्तव, बृजेश मित्रा, महेंद्र कुमार, शक्ति, शक्ति भारद्वाज, कमलेश खान सिंह डिसूजा, अरविंद कुमार लोकेश श्रीवास्तव, मनोज शुक्ला, पीपीएसए कार्यक्रम के जिला समन्वयक भोलेनाथ मिश्रा,विनोद, सर्वोदय आश्रम के वंदना बाजपेयी, मनोज मिश्रा, प्रतिनिधि और संभ्रांत व्यक्ति मौजूद रहे। 100 शैया संयुक्त चिकित्सालय और जिला महिला अस्पताल के परिसर में टीबी को लेकर लोक कलाकार किशन रसिया एवं उनकी टीम के द्वारा जागरूकता कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही सभी ब्लॉक में टीबी कर्मचारियों द्वारा रैली और गोष्ठी आयोजित की गई।