आज दिनांक 27 फरवरी 2020 को हरदोई के कछौना ब्लॉक में सामाजिक संगठन के पदाधिकारियों ने शहीद स्तंभ पर महान क्रांतिकारी स्वतंत्रता संग्राम के महानायक चंद्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि मनाई गई । जिसमें सभी पदाधिकारियों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण करते हुए पुष्प अर्पित किए और श्रद्धांजलि अर्पित की । उनको दिल से याद करते हुए संगठन के प्रदेश अध्यक्ष योगेश विक्रम सिंह ने सभी पदाधिकारियों को बताया कि चंद्रशेखर आजाद ने हमारे देश को आजाद कराने में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया । जो संकल्प उन्होंने लिया था कि भारत मां की मिट्टी में जब तक जिंदा रहेंगे तब तक अंग्रेजों की गोली नहीं खाएंगे और उनको अपने शरीर में हाथ तक लगाने नहीं देंगे वह संकल्प उन्होंने पूर्ण करके दिखाया।
शहीद चन्द्रशेखर ‘आजाद’ (२३ जुलाई १९०६ – २७ फ़रवरी १९३१) ऐतिहासिक दृष्टि से भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी स्वतंत्रता सेनानी थे। वे शहीद राम प्रसाद बिस्मिल व शहीद भगत सिंह सरीखे क्रान्तिकारियों के अनन्यतम साथियों में से थे।सन् १९२२ में गाँधीजी द्वारा असहयोग आन्दोलन को अचानक बन्द कर देने के कारण उनकी विचारधारा में बदलाव आया और वे क्रान्तिकारी गतिविधियों से जुड़ कर हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य बन गये। इस संस्था के माध्यम से उन्होंने राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में पहले ९ अगस्त १९२५ को काकोरी काण्ड किया और फरार हो गये। इसके पश्चात् सन् १९२७ में ‘बिस्मिल’ के साथ ४ प्रमुख साथियों के बलिदान के बाद उन्होंने उत्तर भारत की सभी क्रान्तिकारी पार्टियों को मिलाकर एक करते हुए हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन का गठन किया तथा भगत सिंह के साथ लाहौर में लाला लाजपत राय की मौत का बदला सॉण्डर्स का हत्या करके लिया एवं दिल्ली पहुँच कर असेम्बली बम काण्ड को अंजाम दिया। इस बीच योगेश विक्रम सिंह, मुकेश सिंह, सौरभ वर्मा, हर्ष गुप्ता, कमलजीत सिंह, पंकज बाजपेई आदि लोग मौजूद रहे ।