दवाई का बिल मांगने पर बदसलूकी, पुलिस ने मेडिकल संचालक को हिरासत में लिया

राज चौहान (हरदोई)

डा.तोमर के अस्पताल में नियमों का उलंघन कर की जा रही टैक्स चोरी पर जनता ने कसी नकेल

 

हरदोई-शहर के लखनऊ रोड स्थित डॉक्टर तोमर हॉस्पिटल में उस समय हंगामा मच गया जब एक युवक ने खरीदी हुई दवाई का बिल मांग लिया। अस्पताल में स्थित मेडिकल स्टोर संचालक द्वारा बिल ना देने पर दोनों में विवाद हुआ। जिसके बाद मौके पर पुलिस पहुंची। उधर मानवाधिकार संगठन के लोग और स्थानीय लोग मौके पर आ गए। मेडिकल संचालक पर बिल की रसीद देने की मांग की है। आरोप यह भी है कि रसीद मांगने पर डॉक्टर ने भी बदसलूकी की। फिलहाल पुलिस मामले को निपटाने में जुटी हुई है। 

शहर के आजाद नगर निवासी राघवेंद्र सिंह एडवोकेट आज देर शाम अपने ससुर सुशील सिंह की दवा लेने लखनऊ रोड स्थित डॉक्टर तोमर के अस्पताल पहुंचे थे। यहां उन्होंने मेडिकल संचालक से 604 रुपए की दवाई ली। जब उन्होंने बिल की रसीद मांगी तो मेडिकल संचालक आग बबूला हो गया और उसने रसीद देने की बात तो दूर उलटे बदसलूकी करने लगा। दोनों में विवाद बढ़ा तो मामला डॉक्टर के रुम तक पहुंचा। जब पीड़ित ग्राहक ने डॉक्टर से रसीद मांगी तो डॉक्टर भी आग बबूला हो गए और पीड़ित से बदसलूकी करने पर अमादा हो गये। उधर वकील द्वारा मामले की सूचना अपने साथियों व मानवाधिकार संगठन को दी गई जिस पर मानवाधिकार संगठन के लोग भी मौके पर पहुंच गए। मांग की जा रही है कि बिल की रसीद दी जाए जिसके बाद ही वह लोग हटेंगे उधर अस्पताल प्रबंधन किसी भी सूरत में बिल की पक्की रसीद देने को तैयार नहीं है। ऐसे में सवाल यह उठता है यहां पर बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी की जाती है और किसी भी मरीज को रसीद नहीं दी जाती है। उधर पीड़ित का कहना है कि उसने 604 ऊपर की दवाई के 600 रुपए मेडिकल संचालक को दिए जब उसने रशीद मांगी तो उसके रुपए भी रख लिये और दवाई भी रख ली। इसे लेकर वह बेहद आहत है। मौके पर पहुंची पुलिस ने बिल जारी करने के लिए जब अस्पताल पर दबाव बनाया तो डॉक्टर आरएस तोमर ने बिल बुक छपवाने के लिए प्रिंटिंग प्रेस पर भेजी।अभी बिल का इंतजार किया जा रहा है। मौके पर मौजूद भीड़ के बढ़ते दबाव पर मेडिकल स्टोर और अस्पताल में किये जा रहे कई कारनामे सामने आ रहे हैं। पुलिस पिछले तीन दिनों में मैडिकल स्टोर द्वारा जारी बिलों को माँगा है। जबकि मेडिकल स्टोर संचालक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।मानवाधिकार संगठन के लोग मेडिकल संचालक के फार्मासिस्ट होने की पुष्टि में जुटे हैं। आशंका है कि फर्जी तरीके से नियमों का उलन्घन करते हुए मेडिकल स्टोर का सञ्चालन किया जा रहा है।

मानवाधिकार संगठन के गिरीश मिश्र, विनय मिश्र, अभिषेक सिंह कुशवाहा आदि कई पदाधिकारी डॉक्टर द्वारा की गयी बदसलूकी से आहत हैं। उन्होंने डॉक्टर के विरुद्ध कोतवाली में तहरीर देने की बात कही है।