प्रधानमंत्री ने कहा है कि 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस समारोहों की भारत द्वारा मेज़बानी जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने की दिशा में भारत के बढ़ते नेतृत्व को विश्वव्यापी स्वीकृति का प्रमाण है। मन की बात कार्यक्रम में श्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से घटिया किस्म के पॉलिथीन बैग और प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करने की अपील की।
इस पर्यावरण दिवस पर हम सब इस बारे में सोचें कि हम अपने प्लेनेट को स्वच्छ और हरित बनाने के लिए क्या कर सकते हैं। किस तरह इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। क्या इनोवेटिव कर सकते हैं। बारिश का मौसम आने वाला है, अब इस बार रिकॉर्ड वृक्षारोपण का लक्ष्य ले सकते हैं और केवल वृक्ष लगाना ही नहीं बल्कि उसके बड़े होने तक उसके रख-रखाव की व्यवस्था करें। इस वर्ष का विषय है – बीट प्लास्टिक पॉल्युशन यानी प्लास्टिक प्रदूषण पर नियंत्रण।
प्रधानमंत्री ने समग्र व्यक्तित्व विकास में आम भूमिका निभाने वाले पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने का आह्वान किया है। श्री मोदी ने कहा कि यह चिंता की बात है कि गिल्ली डंडा, खो-खो और पिट्ठू जैसे पारंपरिक खेल धीरे-धीरे समाप्त हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन खेलों में हमारे देश की विविधता में एकता की भावना देखी जा सकती है। पारंपरिक खेल कुछ इस तरह से बने हैं कि शारीरिक क्षमता के साथ-साथ वो हमारी लाजिकल थिंगकिंग, एकाग्रता, सजगता, स्फूर्ति को भी बढ़ावा देते हैं और खेल सिर्फ खेल नहीं होते जीवन के मूल्यों को सिखाते हैं। प्रधानमंत्री ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुण्य तिथि पर उनका स्मरण किया। श्री मोदी ने आशा व्यक्त की आगामी ईद-उल-फितर का पर्व समाज में सद्भाव के बंधन को और मजबूती प्रदान करेगा।