‘संवाद करते मेघ’ की अनुगूँज प्रयागराज से शिलांग तक

गत दिवस ‘मेघालय साहित्यिक मंच’ के तत्त्वावधान मे ‘बंगिया साहित्य परिषद्, शिलांग (मेघालय) के सभागार मे ‘संवाद करते मेघ’ काव्यात्मक कृति का लोकार्पण करते समय प्रयागराज की सारस्वत गरिमा का प्रत्यक्षीकरण हो रहा था; क्योंकि लोकार्पित कृति की सम्पूर्ण योजना भाषाविज्ञानी आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय के संरक्षण मे बनायी गयी थी तथा उसका क्रियान्वयन् भी यहीँ से किया गया था, जिसमे शिलांग की प्रतिष्ठित कवयित्री-द्वय :– डॉ० अनिता पण्ड्या और नीता शर्मा की विशेष भूमिका रही।

उल्लेखनीय है कि ‘सर्जनपीठ’ प्रयागराज की ओर से प्रकाशित काव्यकृति ‘संवाद करते मेघ’ प्राकृतिक प्रान्त शिलांग (मेघालय राज्य) की पंद्रह कवयित्रियों की पचहत्तर कविताओं का साझा काव्य-संग्रह है, जिसका गत दिवस पूर्वोत्तर पर्वतीय विश्वविद्यालय, शिलांग के कुलपति प्रो० प्रभाशंकर शुक्ल ने ‘बंगिया साहित्य परिषद्’, शिलांग के सभागार मे लोकार्पण किया था। प्रो० शुक्ल ने अपने उद्बोधन मे कहा– ‘संवाद करते मेघ’ पुस्तक मे मेघालय की स्वनामधन्य पन्द्रहों कवयित्रियों की काव्यात्मक प्रतिभा से अवगत होकर मै गर्व का अनुभव कर रहा हूँ। मै इसे अहिन्दीभाषाभाषी राज्य मे महिलाओं की महान् उपलब्धि मानता हूँ। मै इस संग्रह मे सम्मिलित समस्त कवयित्रियों को बधाई और शुभकामना देता हूँ।”

भाषाविज्ञानी आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय पूर्व-निर्धारित कार्यक्रम के कारण समारोह मे उपस्थित न हो सके थे। इस अवसर पर पुस्तक मे आचार्य-द्वारा लिखी भूमिका का पाठ संस्था की उपाध्यक्षा और संग्रह की सहसम्पादिका नीता शर्मा ने किया था।

इस कार्यक्रम मे पूर्वोत्तर पर्वतीय विश्वविद्यालय मे हिन्दी- विभाग के प्रो० भरतप्रसाद त्रिपाठी, प्रो० आनन्द दीक्षित, रामकृष्ण मिशन-शिक्षाविभाग के प्रमुख ब्रह्मचारी वैराग्यचेतन महाराज जी, पद्मश्री से सम्मानित मेघालय की जानीमानी साहित्यकार सिल्वि पाशा, समाजसेवी तथा हिन्दी के प्रचार मे जुटे हुए बिमल बजाज जैसे विशिष्ट अतिथियों ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की गरिमा मे श्रीवृद्धि की थी।

आरम्भ मे अतिथियों द्वारा दीप-प्रज्वलन करके समारोह का उद्घाटन किया, तत्पश्चात् दस वर्षीया चित्राक्षी-द्वारा सरस्वती- वंदना पर आधारित भावनृत्य प्रस्तुत किया गया था। संस्था- उपाध्यक्षा और संग्रह की सह- सम्पादिका नीता शर्मा ने काव्य-संकलन को मूर्तरूप देने का श्रेय सम्पादिका डॉ० अनिता पण्डा ‘अन्वी’ को देते हुए, संग्रह का पूर्ण सफ़रनामा प्रस्तुत किया। सभी विशिष्ट अतिथियों ने अपने व्यक्तव्यों द्वारा काव्य संग्रह की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए, पूर्वोत्तर में बसे जनजातीय प्रदेश मे हिन्दीभाषी महिलाओं द्वारा इसे हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए उत्कृष्ट एवं अभूतपूर्व कदम बताया।

कार्यक्रम मे मंच पर तकनीकी कार्यों मे विशेष योगदान के लिए अनन्या शर्मा और संकलन की बाल-कवयित्री अस्मी बांगिया को प्रशस्तिपत्र प्रदान किये गये। कार्यक्रम मे संस्था की मुख्य सचिव ने काव्यपाठ किया। समारोह का संचालन आलोक सिंह ने किया।