आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की शैक्षिक कर्मशाला का समापन हुआ

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की हिन्दी-पाठशाला की ओर से आयोजित कर्मशाला २७ सितम्बर को सम्पन्न हो गयी। अन्तिम दिन राजर्षि साहू महाविद्यालय, लातूर (महाराष्ट्र) के सभागार मे सारस्वत भेंटवार्त्ता का आयोजन किया गया था।

महाविद्यालय की हिन्दीविभाग-प्रमुख डॉ० पल्लवी पाटिल ने आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय के रचना-संसार, सामाजिक, राजनीतिक विसंगतियों, साहित्य के अनेक पक्षों, काव्यशास्त्र, साहित्य मे आदर्शवाद और यथार्थवाद, लघुकथा, कहानी, उपन्यास, भाषा, दर्शन, कला, संस्कृति, अध्यात्म, धर्म, विज्ञान, इतिहास, पत्रकारिता, बालसाहित्य से सम्बन्धित प्रश्न किये थे। छात्र-छात्राओं और अध्यापकों ने तरह-तरह के प्रश्न किये थे, जिनमे अस्तित्ववाद, आस्तिक, नास्तिक, उत्तरप्रदेश के मुख्यमन्त्री की शासननीति, समाज-स्तर पर व्याप्त हिन्दू-मुसलमान की कटुता, प्रत्येक काल मे हिन्दी की प्रासंगिकता और विस्तार-विषयक प्रश्न किये थे। आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने इन सभी प्रश्नो और प्रतिप्रश्नो के उत्तर अत्यन्त विस्तार के साथ सोदाहरण देते रहे। प्राप्त उत्तरों से विद्यार्थियों और अध्यापक-अध्यापिकाओं के चेहरे पर संतुष्टि के भाव दिखते रहे। यह सारस्वत भेंटवार्त्ता लगभग एक घण्टा तक चली थी।

उसके पश्चात् जिजा माता कन्या प्रशाला, लातूर मे एक कर्मशाला का आयोजन किया गया, जिसमे मुख्य अतिथि के रूप मे आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने पाँचवीं से लेकर बारहवीं कक्षा की छात्राओं को शुद्ध उच्चारण और लेखन के प्रति जागरूक किया। छात्राओं ने भी बढ़-चढ़कर शुद्ध हिन्दी सीखने के प्रति अपनी जागरूकता प्रकट की।