विधायक-सीएमओ विवाद गहराया, स्वास्थ्य कर्मी गए हड़ताल पर, इमर्जेंसी छोड़ सभी स्वास्थ्य सेवाएं बन्द

लगभग सभी सीएचसी पीएचसी पर रही हड़ताल, कहीं कहीं हुआ काम

  —-राघवेन्द्र कुमार “राघव”—-
प्रधान संपादक-इण्डियन वॉयस 24

राघवेन्द्र कुमार “राघव”-


विवाद में स्थानान्तरण का मुद्दा छिप सा गया है । सोचने वाली बात है कि क्या सरकारी नौकरों का स्थानान्तरण नेताओं की इच्छा से होता है । एक ओर प्रदेश में हजारों लोग इस आशा में हैं कि उनकी समस्याओं को देखते हुए सरकार उनका स्थानान्तरण कर उन्हें राहत देगी । लेकिन इस प्रकरण ने सरकार के उस दावे की हवा निकाल दी है कि ट्रांसफ़र नेताओं या मन्त्रियों के दबाव में न होकर माननीय मुख्यमन्त्री की देखरेख में होंगे । अन्दरखाने सारी सरकारों की नीति और नीयत एक जैसी ही है, ऐसा दीखने लगा है ।

अपनों पे रहम गैरों पे सितम, ऐ सरकार-ए-भाजपा जुर्म न कर ।


मल्लावां-बिलग्राम से भाजपा विधायक आशीष कुमार सिंह और सीएमओ डा. पीएन चतुर्वेदी के बीच हुए विवाद के बाद पूर्व घोषित हड़ताल के चलते सोमवार को पूरे जिले के स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं । जिला अस्पताल से लेकर महिला अस्पताल और सभी सी.एच.सी. व पी.एच.सी. पर सेवाएं ठप हैं । चिकित्सकों का कहना है कि विधायक ने सीएमओ कार्यालय में उनके साथ अभद्रता की, या तो वह माफी मांगे या उन पर कार्रवाई की जाए । सेवाएं ठप होने से अव्यवस्था फैल गई है । हालांकि प्रशासन मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहा है । अधिकारियों का कहना है कि वो स्वास्थ्य कर्मियों से बात कर रहे हैं ।
बता दें कि मल्लावां-बिलग्राम से भारतीय जनता पार्टी के विधायक आशीष कुमार सिंह आशू शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पहुंचे। वह यहां एक एएनएम के ट्रांसफर की शिफारिश करने गए थे। विधायक का कहना है कि उनको जनता ने चुना है । एएनएम हरपालपुर में तैनात हैं और उनके क्षेत्र की रहने वाली हैं । ऐसे में वह अपेक्षा लेकर आई थीं, जिसके सिलसिले में कई बार सीएमओ को कहा गया लेकिन सुनवाई नहीं हुई तो वह उनके पास गए थे । इसी बात को लेकर बात बढ़ी तो सीएमओ ने कर्मचारियों के द्वारा मेन गेट का ताला बंद करा दिया । इस बीच जब मामले की जानकारी भाजपाइयों को लगी तो युवामोर्चा के जिलाध्यक्ष संदीप सिंह के साथ भारी संख्या में समर्थक सीएमओ कार्यलय में जमा हो गए जिसके बाद गेट खोला गया ।
सीएमओ डॉक्टर पीएन चतुर्वेदी का कहना है कि उनके पास एक शिफारिश मंत्री ब्रजेश पाठक की आयी थी । जिसके ऊपर कार्यवाही कर दी गयी । हालांकि जहां विधायक कह रहे थे वहां कोई पद खाली नहीं है । ऐसे में ट्रांसफर करना सम्भव नहीं था । बस इसी बात से नाराज विधायक ने उनके कमरे में घुसते ही कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया और अभद्रता करते हुए गाली गलौज कर धमकी दी । इस मामले में दोनों पक्षों ने कोई तहरीर नहीं दी है ।