राजस्थान में जोधपुर की एक अदालत ने एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषी स्वघोषित संत आसाराम को जीवनपर्यन्त जेल में रहने की सज़ा सुनाई है। आसाराम पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जोधपुर केन्द्रीय जेल में विशेष रूप से बनाई गई अदालत में विशेष न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने कड़ी सुरक्षा के बीच सजा सुनाई। इस मामले में दो दोषियों शिल्पी और शरद को बीस-बीस साल की सजा सुनाई गई है।
आसाराम को पांच साल पहले इसके आश्रम में एक नाबालिग लडकी के साथ दुराचार का दोषी ठहराया गया है। उसे 2013 में इस मामले में गिरफ्तार किया गया था, उसके बाद से वह जोधपुर की जेल में है। आसाराम को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 डी और 376 दो एस के तहत दोषी पाया गया और मृत्यु तक आजीवन कारावार के लिए भेजा गया। वहीं इस मामले के अन्य दोषियों शिल्पी और शरद को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत दोषी ठहराते हुए सजा सुनायी गई। पूरे राज्य में अभी स्थिति पूरी तरह सामान्य है।