राघवेन्द्र कुमार“राघव”-
जो भारत माँ को माँ न माने,
वह कैसे भारतवासी हैं ?
जो मातृभूमि को ना पूजें,
द्रोही हैं कुल नाशी हैं ।
जिसके आँचल का जल नस में,
बनकर लहू दौड़ता है ।
जिस माटी का नमक जिस्म में,
बनकर जोश उमड़ता है ।
यदि धरती माता के घर में,
कोई आग लगाता है ।
वसुन्धरा की सुन्दरता को,
यदि कोई ग्रहण लगाता है ।
ऐसे दुष्ट पापियों की,
पहचान करो पहचान करो ।
देश धर्म के गद्दारों का,
मिलकर काम तमाम करो ।
भारत माता राह देखती,
आखिर कब वो दिन आएगा ?
कौन अदावत के आलम से,
हमको मुक्ति दिलाएगा ?